भागवत कथा में आचार्य कृपाशंकर शास्त्री ने दिए अनुकरणीय संदेश
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। भगवान की प्राप्ति के लिए हृदय का पवित्र होना आवश्यक है। भगवान आपके भावों को देखते हैं। जब-जब पृथ्वी पर अन्याय, अत्याचार बढ़े तब अपने भक्तों के कष्टों का निवारण के लिए भगवान ने अवतार लिया। भक्तों की पुकार पर भगवान दौड़े चले आते हैं।
यह विचार युवंशीय यादव धर्मशाला में श्रीमद भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के दौरान आचार्य पं. कृपाशंकर शास्त्री ने व्यक्त किए। कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जैसे पंडाल में भगवान कृष्ण का आगमन हुआ, भक्तों में उनके दर्शन व चरण स्पर्श करने की होड़ सी मच गई। भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में नन्हे बालक युग यादव ने भगवान श्रीकृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
इस अवसर पर पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की…जैसे बधाई गीतों से गूंज उठा। भक्त भजनों पर नृत्य करते हुए भावविभोर हो उठे। सभी ने एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की बधाई दी। इस अवसर पर माखन-मिश्री का प्रसाद बांटा गया। प्रसाद व आरती का लाभ जुगल रामनारायण यादव परिवार ने लिया। आचार्यश्री ने वामन अवतार में राजा अंबरीश और दानवीर राजा बली की भी कथा सुनाई। शनिवार को कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। आसपास के गांवों से भी श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए आ रहे हैं।
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