बीमारी ऐसी लगी कि आठ दिन में सोयाबीन पीली होकर सूखने लगी

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–  भारतीय किसान संघ ने प्रभावित फसल का सर्वे कराने की मांग करते हुए सौंपा ज्ञापन
बेहरी। क्षेत्र में सोयाबीन की फसल में बीमारी लग रही है और इससे पौधे पीले होकर सूखने लगे हैं। अपनी हरीभरी फसल में अचानक पीलापन आने से किसान चिंतित है। किसानों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा। अत्यधिक बारिश के साथ ही पीला मोजक ने फसल को बर्बाद कर दिया है। प्रभावित फसल का सर्वे कराने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को बागली जाकर एसडीएम विवेक सोनकर को ज्ञापन सौंपा।
करनावद के किसान नेमीचंद पाटीदार ने बताया कि करनावद, झिकड़ाखेड़ा, बरखेड़ा में 80 प्रतिशत किसानों की सोयाबीन फसल खराब हुई है। अभी दो महीने की फसल हुई है और बीमारी ऐसी लगी कि आठ दिन में ही यह पीली होकर सूखने लगी। चापड़ा के कमल पाटीदार ने बताया कि चापड़ा, गुराड़ियाकलां, भमौरी, मुकुंदगढ़, अंबाझर, तिस्सी, इकलेरा में अजीब सा रोग लगने के कारण फसल पीली पड़ रही है। अमरपुरा के इंदरसिंह सेंधव ने बताया कि चापड़ा से बड़ी एवं कमलापुर तक फसलें पीली पड़ रही है। हाटपीपल्या क्षेत्र के किसान महेश पाटीदार, गोकुल चौहान ने भी अपने क्षेत्र में फसल खराब हाेने की शिकायत की। उदयनगर के किसान कैलाश शर्मा, भगवान पटेल, गणेश रावत ने बताया कि मक्का की हाइट अधिक बारिश से बहुत छोटी रह गई। हजारों हेक्टेयर जमीन में फसल खराब हुई है। इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। ज्ञापन देने से पहले भारतीय किसान संघ ने कृषि उपज मंडी में बैठक रखी। इसमें प्रांत अध्यक्ष रामप्रसाद सूर्या, प्रांत प्रचार प्रमुख गोवर्धन पाटीदार, जिला अध्यक्ष हुकुम पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि आगामी बलराम जयंती मनाने हेतु हर घर में झंडे लगाना है। 15 सितंबर को ज्ञापन दिवस पर अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर ज्ञापन देना है। बागली तहसील मंत्री राकेश जाट, चंपालाल पाटीदार, भगवान पटेल, हाटपीपल्या तहसील अध्यक्ष माखन नाहर, उदयनगर तहसील अध्यक्ष कैलाश शर्मा सहित सैकड़ों किसान अपने साथ खराब हुई फसल को लेकर आए थे।

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