उमड़ा शिव भक्तों का सैलाब, हजारों की संख्या में महिला, पुरुष एवं बच्चे हुए शामिल
भौंरासा। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम कावड़ यात्रा माना जाता है। कावड़ यात्रा की शुरुआत पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों से होती है, जबकि इसका समापन शिव मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ होता है।
गुरुवार को तेज यादव मित्रमंडल व ग्रामवासियों के तत्वाधान में लगातार तीसरे वर्ष कावड़ व कलश यात्रा बैंड-बाजे, डीजे, रथ के साथ झरनेश्वर महादेव मंदिर कन्हैरिया से मनकामनेश्वर महादेव मंदिर कुलाला तक निकाली गई। भगवान भोले के हजारों उपासक सुबह 10 बजे झरनेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। जहां सभी कावड़ियों और महिलाओं ने झरनेश्वर महादेव का पूजन कर जलाभिषेक किया।
कावड़ और कलश यात्रा के आयोजक करणसिंह यादव, कैलाश यादव, सरपंच तेज यादव, मयंक जोशी का ग्राम पंचायत नांदेल सरपंच लालसिंह पटेल, भौंरासा के पार्षद भादरसिंह भाटिया, सुमेरसिंह यादव, शेरसिंह गौड़, रविन्द्रसिंह गौर, पार्षद सचिन यादव, नवीन यादव, राजेंद्र ठाकुर, रघुवीर सिंह ठाकुर, मलखान सिंह यादव, मुकेश मालवीय द्वारा पुष्पहारों से स्वागत किया गया। साथ ही यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। उसके बाद शिव भक्तों ने झरनेश्वर स्थित कुंड से पवित्र जल भरकर कांधे पर कावड़ और महिलाओं ने सर पर कलश लेकर हर-हर महादेव और बोल बम, नर्मदे हर के जोश से जयकारे लगाते हुए मनकामनेश्वर मंदिर कुलाला के लिए निकले।
इस दौरान डीजे की धुन पर शिव भक्त, हर हर शंभु, महादेव के भजनों के साथ थिरकते हुए लोग कावड़ यात्रा में शामिल हुए। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और महिलाएं इस कावड़ यात्रा के साक्षी बने तो वहीं युवाओं में भी खास उत्साह देखने को मिला।कावड़ और कलश यात्रा का रोड किनारे बसे गांवों के लोगों ने स्टॉल लगाकर जगह-जगह फूल बरसाते हुए स्वागत किया। इसके अलावा उन्हें स्वल्पाहार कराया। यह यात्रा झरनेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर शिवपुर, बुदासा, शहीद द्वार होते हुए मनकामनेश्वर महादेव मंदिर कुलाला पहुंची, जहां सभी ने भगवान मनकामनेश्वर का जलाभिषेक किया। इसके बाद कावड़ और कलश यात्रा का समापन हुआ।
यात्रा आयोजक तेज यादव सरपंच ने बताया कि अच्छी वर्षा, खुशहाली और देश में शांति और सद्भाव की कामना करते हुए यह कावड़ और कलश यात्रा निकाली है। इस कावड़ यात्रा में ग्राम कुलाला, बुदासा, जिरवाय, पांडी, संवरसी, किशनपुरा, नाईखेड़ी, देहरिया, टोंकखुर्द, नावदा, नांदेल, कन्हैरिया सहित अन्य ग्रामों के ग्रामीण और श्रद्धालु शामिल थे।जेड प्लस फोटोग्राफी इन्दौर, मां शारदा बैंड कुलाला, बजरंग डीजे कुलाला, महांकाल डीजे कन्हैरिया, कृष्णा फोटो स्टूडियो का विशेष सहयोग रहा।
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