भोपाल। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में 6 अगस्त की सायं को एक नर गौर की मृत्यु हो गई। मृत नर गौर का जन्म वन विहार में 27 नवंबर 2014 को हुआ था।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च, 2011 को एक नर गौर को खरगोन से तथा 17 मार्च, को मादा गौर को कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से वन विहार लाया गया था। विगत वर्षों में इसी मादा गौर ने तीन नर गौर शावकों को समय-समय पर जन्म दिया था। इन्हें वन विहार के मुख्य मार्ग पर स्थित बाड़े में रखा गया था।
पूर्व में आपसी लड़ाई में 11 फरवरी, 2018 को एक नर गौर शावक की मृत्यु हो गई थी। वर्तमान में बाड़े में दो नर गौर ही थे, जिनमें से एक नर गौर की 6 अगस्त 2024 को मृत्यु हो गई।
आज 7 अगस्त 2024 को उक्त मृत नर गौर का पोस्टमार्टम डॉ. अतुल गुप्ता, वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी. डॉ. रजत कुलकर्णी, वाईल्ड लाईफ एसओएस वन विहार एवं डॉ. प्रशांत देशमुख, वाईल्डलाईफ कंजर्वेशन ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। प्रथम दृष्टया मृत्यु का कारण ऐसपेक्सीया परिलक्षित हुआ है। मृत नर गौर के सेम्पल एकत्रित कर परीक्षण के लिये स्कूल आफ वाईल्ड लाईफ फॉरेंसिक हैल्थ जबलपुर भेजे गये है।
पोस्टमार्टम उपरांत मृत नर गौर का वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में उपस्थिति अधिकारियों/कर्मचारियों के समक्ष दाह संस्कार कर दिया गया।
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