देवास। हमें अपने गलत संस्कारों को बदलना ही है। हमारे बदलने से दूसरों के भी संस्कार बदलने की संभावना रहती है। यदि हम अपने गलत संस्कारों का परिवर्तन नहीं करते तो योग द्वारा प्राप्त शक्ति व्यर्थ चली जाती है, क्योंकि हमारा चेहरा हमारे संस्कारों का ही प्रतिरूप है। अपने गलत संस्कारों को परिवर्तन करने के लिए मन में ठान लें। इस प्रकार अपने आप से बात करो। इससे आपकी फीलिंग में कमी आने लगेगी। आप अपने आप से प्रतिज्ञा कर सकते हैं कि आज से कैसी भी बात हो मैं फिल नहीं करूंगा। हमारी कामनाएं, हमारी इच्छाएं हमें कमजोर करके फििलिंग में ले जाती है। हम दूसरों से ज्यादा सहयोग की कामना रखते हैं, जो पूर्ण न होने पर हमें फीलिंग का एहसास कराती है। दूसरों से अपेक्षाओं को त्याग दें इस प्रकार चिंतन बदलने से संस्कार बदले जा सकते हैं। अगर आपने चिंतन बदल लिया तो आपका संसार भी बदल जाता है।
यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय कालानी बाग सेंटर में बैंक नोट मुद्रणालय के मुख्य महाप्रबंधक एस महापात्र एवं महाप्रबंधक केदारनाथ महापात्रा के सम्मान समारोह अवसर पर जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने व्यक्त किए। बैंक नोट प्रेस देवास यूनिट श्रेष्ठ उत्पादन, नोटों की गुणवत्ता में नो यूनिटों में सर्वश्रेष्ठ पायदान पर पहुचाने में महत्वपूर्ण योगदान पर समाजसेवी नरेंद्र मिश्रा रामेश्वर जलोदिया एवं मां चामुंडा सेवा समिति के पदाधिकारीयों के मुख्य आतिथ्य में मुख्य महाप्रबंधक एस महापात्रा, महाप्रबंधक केदारनाथ महापात्रा का शाल, श्रीफल पगड़ी वह मां की चुन्नी ओढ़ाकर पुष्पमालाओं से आत्मीय अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी रामेश्वर जलोदिया, नरेंद्र मिश्रा, उम्मेदसिंह राठौड़, कैलाश परमार, संगीता जोशी, मनीषा बहन, ज्योति बहन, एकता बहन, हेमा बहन, अपूलश्री बहन, रत्नप्रभा बहन, अफजल भाई, राठौरजी, दयाराम भाई, बद्री भाई, शिव भाई, अखिलेश भाई आदि ने बीएनपी से पधारे अतिथियों का ब्रह्माकुमारी संस्था में स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर जलोदिया ने किया आभार उम्मेदसिंह राठौड़ ने माना
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