– पांच मकानों को लिया चपेट में, गृहस्थी का सामान जला
– कन्या भोज के लिए भोजन बना रहे थे, शॉट-सर्किट की चिंगारी से लगी आग
देवास। शहर के मोतीबंगला के समीप स्थित शिवाजीनगर झुग्गी बस्ती के मकान में कन्या भोज के लिए भोजन बनाते समय आग लग गई। आग इतनी जल्दी भड़क उठी कि इसने आसपास के चार अन्य मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। जब तक आग बुझाई जाती, तब तक मकान में रखा हुआ गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया। फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक लोगों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया।
जानकारी के अनुसार गणगौर पर्व पर कन्या भोज के लिए भोजन बनाया जा रहा था। इस दौरान शॉट-सर्किट से निकली चिंगारी से गैस टंकी सहित पास ही रखे बिस्तर व कपड़ों में आग लग गई। वहां मौजूद लोगों ने आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग के बढ़ने पर सभी बाहर निकल आए। इस बीच गैस की टंकियों में बलास्ट भी हुआ। हालांकि टंकियों में बलास्ट हुआ तब वहां से सभी बाहर निकल चुके थे। आग का धुआं दूर-दूर तक दिखाई दिया। इससे आग की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है। चूंकि यह बस्ती घनी है और मकान पास-पास सटे हुए हैं। ऐसे में इसके तेजी से फैलने का अंदेशा होने से बस्ती में रहने वाले लोगों में घबराहट देखी गई। आसपास के लोगों ने आग लगने पर अपने घर का सामान बाहर निकाल लिया। आग से पांच मकानों में गृहस्थी का सामान जल गया।
सरलाबाई ने बताया, कि गणगौर पूजन में कन्या भोज की तैयारी कर रहे थे। अचानक चिंगारी के कारण आग लग गई। हमारी तो पूरी गृहस्थी का सामान जल गया। पास ही रहने वाली गंगाबाई ने बताया, कि भोजन बनाते वक्त लाइट की चिंगारी उड़ी और कढ़ाई में गिरी, जिसने आग पकड़ ली। टंकी की नली में आग लग गई तो टंकी फूट गई। पास ही बिस्तर, कपड़े में भी आग लग गई। हमने शोर मचाया और फायर ब्रिगेड के लिए फोन लगाया, जब तक ये आते तब तक पांच मकानों में आग लग गई। हमारा गृहस्थी का सामान जल गया। बहुत नुकसान हुआ है।
नगर निगम के प्रभारी फायर अधिकारी जितेंद्र सिसौदिया ने बताया कि नगर निगम कंट्रोल रूम में आग की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड पहुंचा दी गई थी। आग लगभग पांच घरों में लगी। यहां तीन टंकियों में ब्लास्ट हुआ है।
आग की जानकारी लगते ही विधायक गायत्री राजे पवार, नगर निगम सभापति रवि जैन, पूर्व महापौर सुभाष शर्मा सहित सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी के समर्थक पहुंचे। सीएसपी दिशेष अग्रवाल व थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंचे। उल्लेखनीय है, कि इस बस्ती में वर्ष 2010 में भी आग लगी थी, जिसमें बड़ा नुकसान हुआ था।
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