- शिव महापुराण कथा में पुष्पनंदन महाराज ने बताया सत्संग का महत्व
देवास। भगवान की सन्निधि से जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। जब हम किसी नाई की दुकान पर जाकर बैठ जाते हैं तो नाई हमारे बाल काटकर हमको सुंदर बना देता है। इस तरह जब हम शिव के दरबार में जाकर बैठ जाते हैं, तो शिव हमारे पाप काटकर हमारे जीवन को सुंदरतम बना देते हैं। बैठना हमें सही जगह पड़ता है।
यह विचार मल्हार तोड़ी गंगा पार्क कॉलोनी के पास सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से पुष्पनंदन महाराज कांटाफोड़ वाले ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि साधना के बगैर सांसारिक सुखों को प्राप्त नहीं किया जा सकता। जब तक जीव शिव से नहीं जुड़ेगा है तब तक उसके अंतःकरण में ज्ञान का प्रकाश प्रकट नहीं हो सकता। इसी प्रकार जब तक जीवन में सही दिशा नहीं मिलेगी, तब तक हमारी दशा नहीं सुधर सकती, इसलिए दशा माता का पर्व हमारे जीवन में आता है। दशा माता हमें यह शिक्षा देती हैं, कि जब हमारी दिशा सही होगी तो हमारी दशा भी सही हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, कि हम भारतीय सनातनी हैं। हम सब जीवों का यह लक्ष्य होना चाहिए, कि हम अपने आराध्य देवी-देवताओं की सन्निधि में कुछ समय व्यतीत करके अपने जीवन को सही दिशा प्रदान करें। इसलिए हमारे यहां मंदिर बनाए गए, सत्संग बनाए गए ताकि वहां जाकर बैठकर अपने आत्मबल को जाग्रत कर सकें। जैसे मोबाइल चार्जर की संगति में आता है तो वह चार्ज हो जाता है। डिस्चार्ज मोबाइल चार्जर के संपर्क में आता है तो वह अपने पावर को प्राप्त कर लेता है। वैसे ही जीव रूपी मोबाइल शिव रूपी चार्जर के संपर्क में आता है, जब कनेक्ट होता है तो उसके अंतःकरण में अपने आप पावर प्रकट हो जाती है। इससे वह अपने जीवन के समस्त लक्ष्य को प्राप्त कर अंत में प्रभु को प्राप्त कर लेता है।
कथा में भगवान अर्धनारीश्वर की मनमोहक झांकी की प्रस्तुति दी गई। मुख्य अतिथियों, आयोजक मंडल के किशनलाल, लक्ष्मी नारायण, बाबूलाल, गोपाल प्रजापति कांकरवाल द्वारा व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की गई। कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।
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