गोमाता की सेवा श्रेष्ठ पुण्य का कार्य

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देवास। गोमाता की सेवा करना श्रेष्ठ पुण्य कार्य है।रामद्वारा में प्रतिदिन सुबह-शाम गोमाता की सेवा की जा रही है। प्रतिदिन लगभग 30 गाय को भरपेट भोजन कराया जा रहा है।

भोजन में पशु आहार, चारा, रोटी, गुड़ एवं हरी सब्जियां खिलाई जा रही है। इसके साथ ही लगभग 10 से 12 श्वानों को प्रतिदिन दूध-रोटी दी जाती है। सभी पशुओं के पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था की गई है। प्रतिदिन स्वच्छ ठंडा पानी भर कर रखा जाता है। गिलहरी, तोता, चिड़िया, कोयल आदि के लिए भी ज्वार, बाजरा एवं स्वच्छ जल की व्यवस्था की गई है।

महेश सोनी ने बताया कि गोमाता, पक्षियों और श्वान सेवा का यह कार्य पिछले कई वर्षों से अनवरत जारी है। सनातन धर्म में गोमाता और श्वान सेवा को श्रेष्ठ पुण्य कार्य बताया गया है। सभी नागरिकों से भी अपील है, कि वह भी अपने घर के आस-पास गोमाता, श्वान एवं पक्षियों के लिए अन्न व जल की व्यवस्था करें।

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