प्राकृतिक रंगों से मनाएं होली-रंगपंचमी का त्योहार

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– नगर जनहित सुरक्षा समिति ने शहरवासियों को रंग-गुलाल लगाकर दिया संदेश

– केमिकल युक्त घातक रंग पहुंचा सकते हैं त्वचा-आंखों को नुकसान- बैस

देवास। होली-रंगपंचमी के त्योहार को लेकर शहर में उत्साह का वातावरण नजर आ रहा है। रंगों के इस त्योहार को प्राकृतिक रंगों से मनाने के लिए नगर जनहित सुरक्षा समिति शहरवासियों को जागरूक कर रही है। ऐसे रंग जाे त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाए और पानी लगते ही शरीर एवं कपड़ों से निकल जाए, इसके लिए साेमवार को समिति सदस्यों ने शहरवासियों को प्राकृतिक रंग लगाकर संदेश दिया।

समिति सदस्य एमजी रोड से लेकर सुभाष चौक व शहर के प्रमुख मार्गों पर निकले और राहगीरों सहित दुकानदारों को प्राकृतिक रंग लगाया। सदस्यों ने सभी से अनुरोध किया, कि होली-रंगपंचमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाए और इसमें रासायनिक रंगों के बजाए प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें। रासायनिक रंग हानिकारक होते हैं, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। समिति के अनिलसिंह बैस व विनोदसिंह गौड़ ने कहा, कि आजकल रंगों को चटख व पक्का बनाने के लिए कई तरह के घातक केमिकल का इस्तेमाल हो रहा है। ये रंग त्वचा को नुकसान तो पहुंचाते ही, साथ ही आंखों में भी प्रवेश कर जाते हैं, जिससे गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है। हमारा सभी से निवेदन है, कि रंगों का यह त्योहार प्राकृतिक रंगों से ही मनाएं।

सुभाष वर्मा, विजयसिंह तंवर, अनूप दुबे आदि ने कहा, कि चुकुंदर, पलाश सहित कई तरह के फूलों से घर पर ही खुशबूदार रंग बना सकते हैं। इन रंगों का उपयोग होली-रंगपंचमी पर करें और समाज को प्राकृतिक होली का संदेश दें।

इस अवसर पर समिति के सुनीलसिंह ठाकुर, शेफूद्दीन बोहरा, सुरेश रैकवार, उमेश राय, सत्यनारायण यादव सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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