मामला ग्राम सालमखेड़ी का, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
टोंकखुर्द (नन्नू पटेल)। ग्राम सालमखेड़ी में 17 फरवरी को एक व्यक्ति की कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या का मामला सामने आया था। हत्या के इस मामले में पुलिस ने अपने मजबूत मुखबिर तंत्र की मदद से आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपी को संदेह था कि उसके माता-पिता की मौत तंत्र क्रिया से हुई है और इसी संदेह में उसने हत्या की थी।
बुधवार को पत्रकार वार्ता में पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया, कि टोंकखुर्द थाना अंतर्गत ग्राम सालमखेड़ी निवासी अरुण पिता देवीलाल शर्मा पर 17 फरवरी को अज्ञात व्यक्ति ने देर रात कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया था। इलाज के दौरान उसकी 18 फरवरी को मौत हो गई। मामले में पुलिस ने धारा 302 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया। आरोपित की खोजबिन के लिए एसपी संपत उपाध्याय के दिशा-निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीरसिंह भदौरिया, एसडीओपी पीएन गोयल व संजय शर्मा के मार्गदर्शन में उक्त अपराध में अज्ञात आरोपी की तलाश के लिए थाना प्रभारी उपनिरीक्षक चेतन यादव द्वारा अपनी टीम के साथ अज्ञात आरोपी की तलाश शुरू की। ग्राम सालमखेड़ी में दिनरात रुककर अपने मुखबिर तंत्र से जानकारी जुटाई।
मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि ग्राम सालमखेड़ी का 20 वर्षीय राजकुमार पिता धीरज सेंधव घटना दिनांक से ही गांव में नहीं दिखाई दे रहा है। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। उसे विश्वास में लेकर पुलिस ने पूछताछ की।
राजकुमार ने बताया कि अरुण महाराज तंत्र क्रिया एवं जादू-टोना जानता था। मुझे आशंका थी कि अरुण महाराज के जादू-टोना करने से मेरे माता-पिता की मृत्यु हुई है। अरुण महाराज मुझे भी तंत्र विद्या से परेशान करता था। मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गया था तो मैं 17 फरवरी की रात 10 से 11 बजे के मध्य हाथ में कुल्हाड़ी लेकर खेत के रास्ते से जाकर अरुण पिता देवीलाल शर्मा जो ग्राम कुमारिया राव का रहने वाला था, जो बचपन से ही अपने मामा जानकीलाल के घर ग्राम सालमखेड़ी में रहने लगा था को, जानकीलाल के खेत वाले घर के बाहर खटिया पर सोते हुई अवस्था में कुल्हाड़ी से चार-पांच वार किए। कुल्हाड़ी खटिया पर छोड़कर अंधेरे में खेत की तरफ भाग गया।
सराहनीय कार्य –
आरोपी की गिरफ्तारी में थाना प्रभाारी चेतन यादव, सहायक उप निरीक्षक चंद्रसिंह चौहान, कमलपुरी गोस्वामी, महेंद्रसिंह नरवरिया, अनिल कुमार, प्रधान आरक्षक राजेश लुवानिया, आरक्षक सुरेश शर्मा, धर्मेंद्र चावड़ा, सूरज राठौर का सरहानीय योगदान रहा।
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