– श्री राधा गोविंद धाम में शिव महापुराण कथा में पं. देवेंद्र पाराशर ने दिए प्रेरणादायी संदेश
देवास। शिव महापुराण की कथा श्रवण मात्र से व्यक्ति के समस्त पाप कर्मों का नाश हो जाता है। व्यक्ति के विचार पवित्र होते हैं, ईश्वर के प्रति भक्ति प्रगाढ़ होती है। कथा श्रवण से समस्त कष्टों का निवारण होता है। यह ज्ञान गंगा है। जो नियमित रूप से कथा का श्रवण करते हैं, वे धन्य हैं।
यह प्रेरणादायी संदेश आचार्य पं. देवेंद्र पाराशर ने राजाराम नगर स्थित श्री राधा गोविंद धाम में शिवमहापुराण कथा के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा माता गंगा का नाम, ध्यान, नमन, चिंतन, स्नान व्यक्ति को भवसागर से पार लगाता है। यह कथा भी ज्ञान गंगा है। इसके लिए आपको हरिद्धार, प्रयागराज जाने की आवश्यकता नहीं है। आप यहीं पर ज्ञान गंगा में गोता लगा रहे हैं। यह ज्ञान गंगा का स्नान है।
पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते पर संदेश देते हुए आचार्यश्री ने कहा पति और पत्नी वे हैं, जो एक-दूसरे को पतन से बचा सके। धर्मपत्नी वह, जो अपने पति को धर्म की आेर अग्रसर करें। स्वयं भी दान, जप-तप आदि करें। गृहणी उसे कहते हैं, जो अपने सास-ससुर की सेवा करें, पति से प्रेम और बच्चों के प्रति स्नेह रखें। परिवार के अन्य सदस्यों का सम्मान करें। पूरे परिवार की एकता बनाकर रखें। जिसका सारा परिवार ऋणि हो जाए, उसे गृहणी कहते हैं।
कथा से पूर्व रविवार सुबह चाणक्यपुरी श्रीराम मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। जगह-जगह श्रद्धालुओं से पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। कथा 23 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे होगी। कथा की पूर्णाहुति पर 24 दिसंबर को दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक भंडारा किया जाएगा। कथा के आयोजक श्रीकृष्णानुरागी पं. सत्येंद्र शर्मा है। उन्होंने भक्तों से कथा श्रवण का लाभ लेने की अपील की।
Leave a Reply