देवास। मेहनत का प्रतिफल अवश्य ही प्राप्त होता है। कार्य करने का अनुशासित तरीका ही सफलता प्रदान करता है। जो भी कार्य कर रहे हैं, उसे दिल से करें। सकारात्मक लोगों की संगति में रहें। सफल व्यक्ति के जीवन से प्रेरणा लें, उनके बारे में पढ़े। सफलता से पूर्व कई तरह की चुनौतियां आती है, जो इनका डटकर मुकाबला करता है, वही सफल होता है। मंजिल तक पहुंचने में ये सभी तथ्य अहम भूमिका निभाते हैं।
यह विचार नंदन कानन होटल में एलआईसी की यूनिट मीटिंग में विकास अधिकारी आशीष परिहार ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि जब भी हम कोई कार्य करते हैं तो ऐसा जरूरी नहीं कि सफलता मिल जाए। असफलता से सीखकर ही सफलता की ओर अग्रसर हो सकते हैं। कार्य के प्रति समर्पण और निरंतरता सफलता की गारंटी है। लंबे समय तक अपने कार्य क्षेत्र से दूरी, सफलता पर गहरा असर डालती है। सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए अनुशासित तरीके से प्रयास करें। ईश्वर उसी की मदद करता है, जो स्वयं प्रयास करता है। परिस्थितियों की शिकायत करना आसान है। ये शिकायत ही बहाने बन जाया करती है।
इस अवसर पर शाखा के सहायक प्रबंधक भावेश शर्मा ने एलआईसी के नए प्लान जीवन उत्सव सहित अन्य प्लानों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि एलआईसी विश्व की सबसे बड़ी चौथी बीमा कंपनी है। यह संस्था राष्ट्र निर्माण में भी निरंतर सहयोग कर रही है। कार्यक्रम में सफल अभिकर्ताओं का सम्मान पुष्पहार पहनाकर किया गया। संचालन सुनील मालवीय ने किया। व्यवस्था संचालन में होटल मैनेजर जितेंद्र नागर, सेल्स मैनेजर धर्मेंद्र जोशी का विशेष सहयोग रहा।
टीम भावना रखें-
सहायक शाखा प्रबंधक शर्मा ने क्रिकेट टीम का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी टीम की सफलता में एक-एक सदस्य का योगदान होता है। अगर किसी सदस्य का प्रदर्शन निराशाजनक है तो उसका असर टीम पर पड़ता है। टीम भावना से कार्य करते हुए श्रेष्ठ प्रदर्शन करें और टीम की सफलता में मुख्य किरदार निभाएं। उन्होंने कहा, कि एक अच्छा रीडर ही एक अच्छा लीडर बन सकता है। जीवन में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करों। ये चुनौतियां ही सर्वश्रेष्ठ बनाती हैैं।
अनुमान-आंकलन जरूरी
मिस मैनेजमेंट से बचे
प्रशिक्षण से अपने ज्ञान को बढ़ाते रहे।
नम्र और कृतज्ञ रहें।
बड़े सपने देखें।
सफलता के लिए धैर्य रखें।
कभी परिस्थिति की शिकायत ना करें।
अगर लीड करना है तो रीड करें।
सीखने के लिए श्रेष्ठ श्रोता बने।
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