बारिश की खेंच से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

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कई जगह मुरझाने लगीं सोयाबीन, मक्का व मूंगफली की फसलें
उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका, रबी सीजन में भी सिंचाई के लिए पानी की आएगी परेशानी
बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। बारिश की लंबी खेंच का असर फसलों पर नजर आ रहा है। कई जगह सोयाबीन, मक्का, मूंगफली की फसलें मुरझाने लगी है। बारिश के मौसम में भी सिंचाई की आवश्यकता महसूस हो रही है। मेहनत से उगाई फसल को मुरझाते हुए देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आ रही है। बारिश नहीं होने से यह फसल तो प्रभावित होगी, साथ ही आगामी फसल पर असर पड़ेगा।


बेहरी एवं आसपास के क्षेत्र में जून माह में जोरदार बारिश एवं खरीफ फसलों के अच्छे अंकुरण से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर थी। लगातार एक माह पानी गिरने से फसल की बढ़वार भी अच्छी थी, लेकिन 15 दिन की लंबी खेंच के कारण खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं। सोयाबीन, मक्का, मूंगफली एवं अन्य फसलें कई जगह मुरझाने लगी हैं।
इस वर्ष फसलों की स्थिति एक पखवाड़े पूर्व तक बेहतर थी, लेकिन इसके बाद मानसून की बेरुखी से फसलों की स्थिति खराब होने लगी है। हल्की जमीन में सोयाबीन की फसल तेज धूप की मार सहन नहीं कर पा रही है। यदि एक-दो दिन में पानी नहीं गिरता है तो क्षेत्र में फसलों की स्थिति भयावह हो जाएगी। इसे लेकर किसानों में खासी चिंता है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि यदि शीघ्र ही बारिश नहीं होती है तो इस वर्ष फसलों की स्थिति खराब रहेगी और उत्पादन को भरपूर झटका लगेगा।
दो-तीन बार तेज बारिश की आवश्यकता-
बेहरी के किसान रामचंद्र दांगी, सिद्धनाथ सावनेर, रामप्रसाद दांगी, महेंद्र दांगी, पवन पाटीदार, डॉ. संतोष चौधरी व राजेंद्र पाटीदार ने बताया, कि 25 जून की फसलें अभी दो महीने की हुई है। अभी एक महीने पानी की और जरुरत है। सोयाबीन फसल में दाने भी नहीं भराए हैं। दो-तीन बार तेज पानी गिरे, तभी फसलें पकेंगी। फिलहाल वाटर लेवल बहुत कम है। बारिश की कमी से कुएं, बावड़ी भी नहीं भरे हैं।
बारिश की कमी से उत्पादन घटने की आशंका-
बेहरी क्षेत्र में कई दिनों से बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं। किसान भागीरथ पटेल ने कहा, कि अगर जल्द बारिश नहीं होती है तो सोयाबीन के उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा। वर्तमान में सोयाबीन फसल में कहीं फूल तो कहीं दाने भरने की स्थिति है। अभी तक क्षेत्र में अच्छी बारिश नहीं हो पाई है। इस कारण तालाब, कुएं, बावड़ी पूरी तरह से खाली पड़े हैं। पानी की कमी का असर आगामी रबी फसल पर भी पड़ने की आशंका है।
रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए जतन –
करीब एक पखवाड़े से क्षेत्र में बारिश के अभाव एवं तेज धूप के चलते, जहां फसलों की स्थिति खराब होती जा रही है, वहीं किसानों के चेहरे पर भी चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी है। रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए ग्रामीण तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। क्षेत्रवासी रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए कहीं टोटके तो कहीं ईश्वर की शरण ले रहे हैं। क्षेत्र के प्रसिद्ध श्रीखेड़ापति हनुमान मंदिर में भी गत दिवस खड़ी सप्ताह का आयोजन कर भरपूर बारिश की कामना की गई।
कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह-
कृषि विभाग के एसडीओ आरके विश्वकर्मा ने किसानों को सलाह देते हुए कहा, कि बारिश की खेंच के चलते भूमि में दरारें पड़ने के पूर्व फसल में हल्की सिंचाई करें। यदि वर्षा एक सप्ताह के अंदर नहीं आती है तो सबसे अधिक मध्य अवधि वाली प्रजाति प्रभावित होगी, क्योंकि दाने बनने की प्रक्रिया बाधित होगी। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को सलाह है कि अपने खेत एवं मिट्टी के हिसाब से ज्यादा सूखने से पहले हल्की सिंचाई की व्यवस्था करना चाहिए। साथ ही पोटेशियम सल्फर टेकुजोनाझोल घुलनशील 2 किलो 500 लीटर पानी के साथ प्रति हेक्टर छिड़काव करें।

 

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