- माया को ज्ञान रूपी चिमटे से पकड़कर भगवत भजन करने से मिलती है मुक्ति- दंडी स्वामी
देवास। कैलादेवी मंदिर में नागपंचमी पर पार्थिव शिवलिंग के निर्माण के साथ ही नागेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन हुआ। मंदिर में दर्शन के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। ज्योतिर्लिंग महादेव का शाम को नागचंद्रेश्वर के रूप में आकर्षक श्रृंगार किया गया।
मंदिर में चातुर्मास महोत्सव के अंतर्गत अब तक डेढ़ लाख से अधिक पार्थिव शिवलिंग का निर्माण हो चुका है। नागेश्वर महादेव का पूजन दंडी स्वामी हेमेंद्रानंद सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन भक्तों ने किया। मां कैलादेवी मंदिर उत्सव समिति के दीपक गर्ग, अनामिका गर्ग सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन कर स्वामीजी से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर स्वामीजी ने कहा कि यह सारा संसार माया से आच्छादित है। माया को ज्ञान रूपी चिमटे से पकड़कर भगवत भजन करने से ही मनुष्य भव सागर से पार हो सकता है। नागपंचमी से भादौ माह की शुक्ल पंचमी तक नागेश्वर महादेव की पूजा करना शुभ फलदायक होता है।
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