मिथ्या छाप पुष्पक एगमार्क मिर्च पाउडर के विक्रय,भंडारण, निर्माण करने पर बड़ी कार्यवाही

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इंदौर। मिथ्या छाप एगमार्क पुष्पक मिर्च पाउडर के विक्रय, भंडारण एवं निर्माण करने पर रत्न राज गृह उद्योग, 39 तेली बाखल इंदौर के विक्रेता सुमित जैन को खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 की धारा 7/16 के अंतर्गत 6 माह का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह निर्णय विशेष न्यायालय नगर निगम इंदौर द्वारा आपराधिक प्रकरण क्रमांक 2609120/2009 में पारित आदेश अनुसार दिया गया है।
प्रकरण विवरण अनुसार घटना 18 फरवरी 2009 को शाम के 4 बजे इंदौर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ खाद्य निरीक्षक मनीषकुमार स्वामी द्वारा खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 के अंतर्गत रत्न राज गृह उद्योग, 39 तेली बाखल इंदौर का निरीक्षण गवाह एवं विक्रेता सुमित जैन की उपस्थिति में किया गया था।
मौके पर मिर्च, अचार मसाला, सिंघाड़ा आटा, हल्दी पाउडर पैक हो रहे थे तथा 200 किलोग्राम मिर्च एवं 100 किलोग्राम सिंघाड़ा आटा विक्रयार्थ संग्रहित थे। खाद्य निरीक्षक ने खाद्य पदार्थ पुष्पक एगमार्क मिर्च पाउडर एवं पुष्पक फलाहारी सिंघाड़ा आटे के नमूने मानक स्तरों की जांच हेतु लिया जाकर जांच हेतु लोक विश्लेषक राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया था। प्रयोगशाला भोपाल से प्राप्त जांच रिपोर्ट अनुसार पुष्पक एगमार्क मिर्च पाउडर का नमूना अपमिश्रित होकर मिलावटी पाया गया था। प्रकरण को विवेचना उपरांत विशेष न्यायालय नगर निगम इंदौर के समक्ष खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954 की धारा 7 एवं 16 के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति उपरांत आरोपी सुमित जैन, रत्नराज गृह उद्योग,39 तेली बाखल इंदौर के विरुद्ध प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त द्वारा अधिनियम की धारा 13(2) के अंतर्गत पुष्पक एगमार्क मिर्च पाउडर के नमूने की जांच केंद्रीय खाद्य प्रयोगशाला गाजियाबाद से कराई गई। जिसमें मिर्च पाउडर को अपमिश्रित ना पाते हुए मानक स्तर का पाया गया किंतु नियम 32 के अनुसार नियमानुसार बेस्ट बिफोर लिखे ना होने तथा एडिबल ऑयल की प्रकृति का उल्लेख ना होने के कारण नमूने को मिथ्या छाप घोषित किया गया, जिस कारण प्रकरण मिथ्या छाप के संबंध में अपराध विवरण विरचित कर पुनः विचारण किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के विचारण उपरांत 1 अगस्त 2023 को निर्णय पारित किया गया, जिसमें सुमित जैन को मिथ्या छाप पुष्पक एगमार्क मिर्च पाउडर का विक्रय, निर्माण, भंडारण करने का दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए का जुर्माना आरोपित किया गया है। प्रकरण की सफल पैरवी शासन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी इंदौर द्वारा की गई।

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