– गुरु पूर्णिमा पर्व पर धार्मिक आयोजन के साथ हुई वृक्ष गंगा अभियान पर चर्चा
देवास। गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर में गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व के उपलक्ष्य में 2 व 3 जुलाई को विभिन्न कार्यक्रम।
गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया, कि 2 जुलाई को प्रात: 6 से शाम 6 बजे तक अखंड जप एवं शाम 7 बजे दीपयज्ञ हुआ तथा गुरु पूर्णिमा को प्रात: 8.30 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवतीदेवी शर्मा एवं देवोहवान व देवपूजन कर पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ हुआ। साथ ही दीक्षा, यज्ञोपवित, विद्यारंभ, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार कराए गए। दोपहर 12.30 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात आरती हुई। दोपहर 1 बजे अपनों से अपनी बात में वृक्षगंगा अभियान पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें जिला युवा समन्वयक प्रमोद निहाले ने पौधारोपण पर विशेष बात रखी और इस अभियान पर विशेष सहयोग की बात कही।
कहा कि गुरु को मानते हो तो गुरु के बताए रास्ते पर चलना जरूरी है, वर्ना शिष्य कहलाना बेकार है। गुरुजी के लिए कम से कम दो घंटे समाज के कार्यों में लगाना और अपनी श्रेष्ठ कमाई का अंश गुरु चरणों में या समाज के कार्यों में लगाना जरुरी है। गायत्री शक्तिपीठ के सह प्रबंधक कन्हैयालाल मोहरी ने बताया, कि गायत्री शक्तिपीठ पर पौधे उपलब्ध है आसानी से कोई भी परिजन प्राप्त कर सकते हैं। आयोजन में आमजन ने भी शक्तिपीठ से पौधे लेकर अपने-अपने घरों में लगाने का संकल्प लिया। गायत्री परिवार की टीम ने प्रातः 7 बजे टेकरी परिसर में शीलनाथ धूनी संस्थान के संरक्षक संत माधवानंदगिरी महाराज के सानिध्य में फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किय। इस अवसर पर भंडारा भी हुआ। इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर में भी पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। साथ ही प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में दीक्षा, यज्ञोपवित, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार हुए।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी ने कहा कि आज की विषम परिस्थितियों में जब प्रकृति रुष्ट है, विभिन्न प्रकार की आपदाएं, बीमारियां पैदा हो रही हैं, ग्लोबल वार्मिंग का संकट पूरे विश्व के समक्ष मुंह फैलाएं खड़ा है, इस स्थिति में हर शिष्य का नैतिक कर्तव्य बन जाता है कि गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर अपने गुरु की बताई राह के साथ-साथ उनके नाम का एक पौधा लगाकर उसे बड़ा होने तक संरक्षण का संकल्प लें। यही हर शिष्य के लिए गुरुजी को सच्ची श्रद्धांजलि है।
कार्यक्रम में सुभाष जैन, विजय जाधव, हीरालाल निहाले, विक्रमसिंह राजपूत, भारतसिंह बनाफर, सरिता पाटीदार, रमेशचंद्र नागर, अन्नू चौहान, गणेशचंद्र व्यास, ममता यादव, सुमन गुंजाल सहित सैकड़ों परिजन उपस्थित थे। आयोजन में कर्मकांड का संचालन रामनिवास कुशवाह, चंद्रिका शर्मा, महेश आचार्य, ज्ञानदेव बोडखे, प्रखर पोरवाल सहित गायत्री शक्तिपीठ की संगीत टोली ने किया। गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंडया एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेंद्र पोरवाल ने आभार व्यक्त किया।
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