- आसाराम बापू के शिष्य रामा भाई ने बताई गुरु पूर्णिमा महोत्सव की महिमा
देवास। गुरु की महिमा अनंत है। गुरु हमें नींद से जगाकर ज्ञान का प्रकाश हृदय में फैलाते हैं। गुरु महिमा को गाना बड़ा ही कठिन है, क्योंकि गुरु महिमा अनंत है। संत कबीरदास कहते हैं सात समुंदर स्याही बना लूं, सभी वृक्षों की कलम बना लूं, सारी धरती का कागज बना लूं, तो भी गुरु महिमा लिखी नहीं जा सकती।
कैलादेवी मंदिर हॉल में गुरु पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में आसाराम बापू के कृपा पात्र शिष्य रामा भाई ने सत्संग में ये विचार व्यक्त किए। रामा भाई ने कहा कि पूज्य बापूजी ने हम पर बहुत कृपा बरसाई है और इस संसार में कैसे रहना है, कैसे माया से बचना है और मुक्ति पाना है। इसका एहसास कराते हुए हमें समझाया है। गुरु पूर्णिमा पर्व गुरुदेव के उपकारों को याद करने का, उनके ज्ञान का अनुभव करने का तथा अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला पर्व है। सत्संग पूर्ण होने पर ऋषि प्रसाद के सेवाधारियों का, जिन्होंने ज्यादा संख्या में सदस्य बनाएं, उनको संतश्री द्वारा सम्मानित किया गया। आरती के पश्चात संत रामाभाई का पुष्पमाला से स्वागत किया गया। स्वागत मन्नूलाल गर्ग, दिनेश वर्मा, महेश्वर भटनागर, बीडी जामनेरा, मधुसूदन अग्रवाल, ललित गाहिले, राजकुमार भावसार, दिनेश जायसवाल, रमाकांत बघेल, अनूप गुहा, ओम यादव, दिनेश गोस्वामी, सतीश पटेल आदि ने किया।
जानकारी देते हुए समिति के रमाकांत बघेल ने बताया, कि सत्संग तथा गुरुदेव के प्राप्त संदेश से शिष्यों में उत्साह का संचार हुआ है। सुनील देशमुख ने बताया कि 3 जुलाई सोमवार को बापूजी के जामगोद पहाड़ी स्थित आश्रम पर गुरु पूर्णिमा पर्व उत्साह से मनाया जाएगा। सुबह 8.30 से प्रारंभ होकर दिवस पर्यंत कार्यक्रम चलते रहेंगे। मुख्य कार्यक्रम की माला पूजन से शुरुआत होगी, इसके पश्चात पादुका पूजन, श्री आशारामायण पाठ एवं ध्यान-भजन होगा। दोपहर 12 बजे आरती होगी एवं आरती के पश्चात भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई है।
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