योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं बल्कि जीवन जीने की कला है – गायत्री परिवार

Posted by

Share

– गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर नियमित योग की कक्षा प्रारंभ

देवास। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की शाखा देवास द्वारा जिला जेल देवास, गायत्री शक्तिपीठ, गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर, गायत्री प्रज्ञापीठ सिरोलिया सहित जिले की कई प्रज्ञा संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर नियमित योग की कक्षा प्रारंभ की गई हैं। जिला जेल योग कार्यक्रम में गायत्री परिवार के युवा प्रकोष्ठ जिला समन्वयक प्रमोद निहाले, योग शिक्षक विकास गिरि, विधिक सेवा प्राधिकरण के रोबिनसिंह, त्रिलोक पाटीदार एवं जेलर अनिल दुबे उपस्थित रहे। योग की शुरुआत गायत्री मंत्र एवं गीत इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना …. से हुई। उसके बाद योग शिक्षक विकास गिरि ने आसन एवं प्राणायाम करवाए। बीच-बीच में योग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, अपितु मन-मस्तिष्क और आत्मा को नियंत्रित भी करता है। योग हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है और मन की एकाग्रता बढ़ाता है।

कार्यक्रम में जिला युवा समन्वयक प्रमोद निहाले ने कहा कि योग वास्तविक रूप से जीवन जीने की कला का नाम है। योग से जीवन में आनंद मिलता है और मानसिक और शारीरिक रूप से कई प्रकार के लाभ मिलते भी हैं। आयोजन के अंत में जेलर अनिल दुबे ने गायत्री परिवार द्वारा विगत कई वर्षों से जेल मे चलाये जा रहे विविध आयोजनों की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया तथा जल्दी ही जिला जेल में योग शिविर लगाने हेतु गायत्री परिवार से आग्रह किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *