चैत्र अमावस्या: एक दिन पूर्व ही 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किया नर्मदा के पवित्र जल में स्नान

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  • पांच घाटों पर स्नान की परंपरा का निर्वाहन किया, प्रशासन व्यवस्था में जुटा, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए धर्मशालाओं में करवाई व्यवस्था

नेमावर (संतोष शर्मा)।

चैत्र मास की बड़ी अमावस्या पर्व के एक दिन पूर्व से नर्मदा में स्नान के लिए श्रद्धालुअों का आगमन हो रहा है। सोमवार शाम तक लगभग 75 हजार श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा के पवित्र जल में स्नान कर पुण्यलाभ प्राप्त किया। मुख्य पर्व स्नान अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। श्रद्धालुओं को स्नान के दौरान परेशानी ना हो, इसके लिए प्रशासन ने व्यवस्था की है।

मान्यता के अनुसार अमावस्या के पूर्व नर्मदा के पांचों घाटों पर स्नान की परंपरा है। मालवा अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु नर्मदा के पवित्र पांच घाट ओंकारेश्वर, महेश्वर, धाराजी, आवली घाट एवं नेमावर में नर्मदा के पवित्र जल में स्नान के लिए आते हैं। इसी परंपरा के अनुरूप सोमवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। स्नान कर अपने पूर्वजों के लिए जल तर्पण किया। श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करेंगे। अमावस्या पर भी बड़ी संख्या में स्नान के लिए श्रद्धालु आएंगे। सोमवार को नर्मदा के घाटों पर भारी भीड़ नजर आई। करीब 300 से अधिक वाहन नेमावर से स्नान व पूजन के पश्चात अपनी आगे की यात्रा पर रवाना हो गए। कहा जाता है कि नव आत्माएं, जो पड़ियाड़ों के शरीर में देवरूप में प्रवेश करती है, उन्हें नर्मदा जल में स्नान के लिए लाया जाता है। इसी के तहत कई नवागत देवों को नर्मदा जल में स्नान करवाया गया। ये लोगों की शारीरिक, मानसिक एवं भौतिक व्याधियों का निवारण करते हैं। इसी परंपरा के चलते इस अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या नाम भी दिया गया है।

तीन से चार लाख श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना-

अमावस्या पर्व मंगलवार को है, जिसमें तीन से चार लाख भक्तों के आगमन की संभावना है। इस दो दिवसीय मेले में राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ प्रांत से भी सैकड़ों भक्त मां नर्मदा के इस पवित्र नाभितीर्थ स्थल में स्नान की महत्ता को जानते हुए स्नान के लिए आएंगे। मेले की व्यवस्था को लेकर नगर परिषद अध्यक्ष कृष्णगोपाल अग्रवाल व सीएमओ बलीराम मंडलोई ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह पेयजल के टैंकर, विश्राम के लिए शासकीय भवनों के साथ निजी धर्मशालाओं में व्यवस्थाएं की गई हैं।

इस प्रकार से रहेगी यातायात व्यवस्था-

थाना प्रभारी राजाराम वास्कले ने बताया कि इस दो दिवसीय मेले की व्यवस्था में 200 पुलिस बल की तैनाती की गई है। वाहनों की पार्किंग के लिए निर्माणाधीन सड़क का उपयोग भी किया जाएगा। यहां स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के छोटे-बड़े वाहनों की पार्किंग की जाएगी। भगवान सिद्धनाथ के दर्शन के लिए गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। श्रद्धालु सभागृह से दर्शन कर सकेंगे। अमावस्या पर स्नान के समय भारी वाहनों का गुराड़िया फाटे से हंडिया तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। हरदा की तरफ से आने वाले भारी वाहन हंडिया की तरफ ही रहेंगे। खातेगांव-संदलपुर से हरदा जाने वाले वाहन गुराड़िया फाटे से आगे ही रोक लिए जाएंगे। ये वाहन अमावस्या पर्व काल के बाद सामान्य स्थिति होने पर पुन: संचालित होंगे।

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