– ट्रेन में चाय-नाश्ता, भोजन भी मिलेगा, रुकने की व्यवस्था करेगा आईआरसीटीसी
– मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत काशी-अयोध्या यात्रा 28 अप्रैल से 3 मई तक
देवास। राज्य शासन के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत काशी-अयोध्या यात्रा 28 अप्रैल से 3 मई तक होगी। यात्रा में देवास जिले को 200 बर्थ आवंटित किए गए हैं। यात्रा के लिए आवेदक 22 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आवेदक कलेक्टर कार्यालय में संबंधित शाखा में संपर्क कर सकते हैं। काशी-अयोध्या यात्रा में इंदौर-देवास-उज्जैन जिले के यात्री शामिल होंगे।
योजना अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों जो 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति ( महिलाओं के मामले में 2 वर्ष की छूट ) जो आयकर दाता नहीं है, को प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से एक या दो युग्म स्थानों की यात्रा सुलभ कराने हेतु मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ की गई है। योजना का क्रियान्वयन आईआरसीटीसी जो कि भारत सरकार का उपक्रम है, के द्वारा किया जाएगा। यात्रा IRCTC के पैकेज के अनुसार की जाएगी। ट्रेन जिस स्थान से प्रारंभ होगी उसी स्थान पर ही वापस आकर रुकेगी। तीर्थ यात्रियों को विशेष ट्रेन द्वारा प्रस्थान के स्टेशन से लेकर यात्रियों को वापस उसी स्टेशन पर पहुंचाने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी की रहेगी।
यात्रा के दौरान ये रहेगी सुविधा-
यात्रा के दौरान यात्रियों को नाश्ता, चाय, भोजन आदि आईआरसीटीसी उपलब्ध कराएगा। यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, उन्हें तीर्थ स्थल तक बस द्वारा ले जाने, वापस ट्रेन में लाने एवं गाइड आदि की व्यवस्था भी आईआरसीटीसी करेगा। ट्रेन जिन स्टेशनों से प्रारंभ होगी एवं रुकेगी वहां तक यात्री को स्वयं अपने व्यय से आना होगा। इसके पश्चात यात्रा हेतु कोई शुल्क देय नहीं होगा, परन्तु यदि कोई यात्री विशिष्ठ सुविधाओं का लाभ प्राप्त करता है तो उसका व्यय यात्री स्वयं वहन करेगा।
अपने साथ रखे ये सामग्री-
यात्रियों से अपेक्षा की गई है कि वे मौसम के अनुरूप वस्त्र, ऊनी वस्त्र, व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री जैसे कंबल, चादर, तौलिया, साबुन, कंघा, दाढ़ी बनाने का सामान आदि साथ में रखें। तीर्थ यात्री अपने साथ ओरिजनल आधार कार्ड/वोटर कार्ड एवं वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की छायाप्रति अनिवार्य रूप से रखें।
ट्रेन में 1 हजार बर्थ-
ट्रेन में कुल 1 हजार बर्थ उपलब्ध रहेगी। इन बर्थों के विरुद्ध तीर्थ यात्रियों एवं अनुरक्षक (एस्कार्ट) के रूप में शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को भेजा जाना है। ट्रेनों में उपलब्ध बर्थों एवं अनुरक्षकों की संख्या को प्रत्येक जिले के लिए आवंटित किया गया है।
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