हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है। यह दिवस न केवल हमारे ग्रह के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि हमें यह भी याद दिलाता है कि पृथ्वी को सुरक्षित और टिकाऊ बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है। बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के इस दौर में पृथ्वी दिवस की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है।
पृथ्वी दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम न केवल पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता को अभिव्यक्त करते हैं, बल्कि यह संकल्प भी लेते हैं कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध पृथ्वी छोड़ कर जाएंगे। यह दिन केवल प्रतीकात्मक न बनकर, हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बने इसी में इस दिवस की सच्ची सफलता है।
पृथ्वी दिवस का इतिहास:
पृथ्वी दिवस की शुरुआत अमेरिका से हुई थी। सबसे पहला पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल 1970 को मनाया गया, जिसका उद्देश्य था लोगों को पर्यावरणीय संकटों के प्रति जागरूक करना। यह आंदोलन धीरे-धीरे वैश्विक रूप ले गया और आज 190 से अधिक देशों में इसे मनाया जाता है।
पृथ्वी दिवस क्यों मनाया जाता है?
– पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना बढ़ाने हेतु।
– प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने हेतु।
– जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, जैव विविधता के ह्रास जैसे विषयों पर चर्चा और कार्यवाही के लिए।
– जनमानस को जिम्मेदार नागरिक बनने और हरित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु।
पर्यावरण का महत्व:
पर्यावरण हमारे जीवन का आधार है। वायु, जल, मिट्टी, वृक्ष, पशु-पक्षी ये सभी हमारे अस्तित्व से जुड़े हैं। जब पर्यावरण संतुलित रहता है, तो मानव जीवन सुखमय होता है। लेकिन जैसे-जैसे औद्योगिकीकरण और शहरीकरण बढ़ा, प्रदूषण भी बढ़ता गया, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न हुआ।
आज की पर्यावरणीय चुनौतियां:
– वायु, जल और भूमि प्रदूषण
– वनों की अंधाधुंध कटाई
– जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग
– प्लास्टिक प्रदूषण
– जैव विविधता में कमी
हमारी जिम्मेदारी:
– पौधारोपण करें।
– प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें।
– जल और बिजली की बचत करें।
– कचरे को सही तरीके से निपटाएं, पुनः उपयोग और रिसाइक्लिंग को अपनाएं।
– सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें या साइकिल चलाएं।
– बच्चों को भी पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाएं।