देवास। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अनुभवी प्रशिक्षक सुशील कांत मिश्रा के मार्गदर्शन में चल रही 10 दिवसीय अभिनय, पटकथा लेखन और फोटोग्राफी की कार्यशाला में उभरते कलाकार अपनी प्रतिभा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
वर्कशॉप कलाव्योम फाउंडेशन, मध्यप्रदेश सरकार, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (नई दिल्ली) और रंगाभास नाट्यशाला के संयुक्त प्रयास से आयोजित की जा रही है। प्रतिभागियों ने सिर्फ तीन दिनों में एक्टिंग के बेसिक्स में गहराई से निपुणता हासिल कर ली है।
अभिनय की नई तकनीक के मुख्य बिंदु:
– माउथ वॉइस के सीखे नवीन तरीके: कलाकारों को माउथ वॉइस के विविध प्रयोगों के माध्यम से संवादों में जीवंतता लाने की कला सिखाई जा रही है।
– ऐसे करें डायलॉग में उतार-चढ़ाव: डायलॉग के भाव और लय में बदलाव के द्वारा संवादों को अधिक प्रभावी बनाने की तकनीक पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
– कैरेक्टर के अनुरूप हाव-भाव: हर पात्र की विशिष्टता को उजागर करने हेतु चेहरे के भाव, आंखों की चमक और शरीर की भाषा के सही उपयोग पर जोर दिया जा रहा है।
– नृत्य की विविध मुद्राएं: अभिनय के दौरान नृत्य के माध्यम से भाव-भंगिमा को व्यक्त करने की नई विधाओं का अभ्यास कराया जा रहा है।
– बेसिक्स का स्पष्ट ज्ञान: प्रशिक्षक श्री मिश्रा ने बताया कि किसी भी अभिनेता के लिए मौलिक सिद्धांतों का स्पष्ट ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। यदि नींव मजबूत नहीं होगी तो आगे की कला में उत्कृष्टता लाना संभव नहीं। उन्होंने कहा, कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन व कला का विकास होता है, अतः नियमित योग के साथ घर पर अभ्यास करें।
– 10 दिनों में सीखने की अपार संभावना: इस कार्यशाला में अभिनय के साथ-साथ पटकथा लेखन और फोटोग्राफी की तकनीकों को भी शामिल किया गया है, जिससे कलाकारों को नए-नए कौशल सीखने के अवसर मिल रहे हैं।
स्थानीय कलाकारों की बढ़ती मांग-
कलाव्योम फाउंडेशन के अध्यक्ष अशोक श्रीमाल ने कहा, कि मध्यप्रदेश में फिल्मों और वेब सीरीज की निरंतर शूटिंग चलने से स्थानीय कलाकारों की मांग में वृद्धि हो रही है। यह प्रतिभाओं के लिए सुनहरे अवसर प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा, कि लगातार चल रही फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग ने न केवल मनोरंजन की दुनिया में क्रांति लाई है, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं को भी एक मंच प्रदान किया है जहां उनका हर हुनर सराहा जा रहा है।