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strawberry परंपरागत खेती को छोड़ लगाई स्ट्रॉबेरी की फसल

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Strawberry

किसान की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत, कई खरीददार खेत से ही खरीद ले गए

भोपाल। धार जिले में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों को उद्यानिकी फसलों की तरफ प्रेरित किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस मिशन के माध्यम से धार जिले के बदनावर के ग्राम तिलगारा के किसान बाबूलाल पाटीदार की आर्थिक स्थिति में प्रगतिशील बदलाव आया है।

किसान बाबूलाल वर्षों से अपने खेतों में पारम्परिक खेती कर सोयाबीन और गेहूं की फसल लिया करते थे। मेहनत के मुकाबले उन्हें खेती में मुनाफा नहीं हो पाता था। उन्होंने इस बात को लेकर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया। अधिकारियों ने उनके खेत के परीक्षण के बाद स्ट्रॉबेरी की फसल लेने की सलाह दी। किसान बाबूलाल को एकीकृत बागवानी विकास मिशन में मिलने वाले लाभों की जानकारी भी दी गई।

Strawberry farming

उन्होंने विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक हेक्टेयर क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई। किसान बाबूलाल ने स्ट्रॉबेरी की खेती के दौरान मल्चिंग तथा ड्रिप पद्धति का उपयोग किया और अधिकारियों के मार्गदर्शन में खाद का उपयोग भी किया। किसान बाबूलाल ने 180 क्विंटल स्ट्रॉबेरी की फसल ली।  स्ट्रॉबेरी की फसल बेचकर उन्हें 2 लाख रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ। बाबूलाल ने बताया कि उन्होंने स्ट्रॉबेरी को जयपुर, भोपाल और इंदौर मंडी में विक्रय किया। कई खरीददार तो हमारे खेत से ही स्ट्रॉबेरी ले गये। पहली बार तो वे स्ट्रॉबेरी के पौधे खरीदकर लाये थे, लेकिन इस वर्ष तो मदर प्लांट से पौधे तैयार कर लिये गये हैं।

फसल के लिए मिल अनुदान-

किसान श्री बाबूलाल बताते हैं कि खेती को वैज्ञानिक पद्धति से किया जाये तो कृषि उपज से अधिक लाभ कमाया जा सकता है। उन्हें स्ट्रॉबेरी फसल लगाने के लिये राज्य सरकार से एक लाख 12 हजार रुपये का अनुदान भी मिला, जो कृषि कार्य के लिये उपयोगी साबित हुआ।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में किसान ऑनलाइन पंजीयन MPFSTS पोर्टल के माध्यम से http://mpfsts.mp.gov.in पर पंजीयन करा सकते हैं। साथ ही उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले से विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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