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देवास। एक ओर केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी लगातार लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और कमी को देखते हुए लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करें। इसके चलते इन वाहन की खरीदी पर केंद्र सरकार ने 10% तक की छूट भी दी है। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि दूसरी ओर मध्यप्रदेश की शिवराजसिंह सरकार केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश की धज्जियां उड़ा रही है। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल ने आदेश जारी कर दिया कि जिसके पास भी इलेक्ट्रिक वाहन है, उन्हें अलग से बिजली का मीटर लेना होगा। वहीं विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि इसके लिए विद्युत का चार्ज भी अलग से होगा। साथ ही कहा गया है कि अगर इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ता ने अपने घरों पर कृषि, घरेलू या अन्य बिजली कनेक्शन ले रखा है और अगर उसमें से वह अपने इलेक्ट्रिक वाहन या ई-रिक्शा चार्ज करता है, तो संबंधित व्यक्ति व उपकरण को जब्त कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के संदर्भ में निर्देश जारी कर कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग करने वालों को विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर मीटर के माध्यम से ही विद्युत का उपयोग करना होगा। ऐसे व्यक्ति जो मीटर को बायपास कर बिजली चोरी करते पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कहा कि वाहन चार्जिंग के लिए कलेक्शन तत्काल दिए जाएंगे। वहीं विद्युत नियामक आयोग ने वाहन चार्जिंग के लिए बिजली की दरें अलग से निर्धारित की है व वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए अलग से बिजली कनेक्शन लेने के नियम बनाए हैं। इसके लिए सभी विद्युत मंडल कार्यालयों पर सर्कुलर भेज दिए गए हैं। कांग्रेस ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट दे रही है, दूसरी और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार उन इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए अलग से विद्युत कनेक्शन एवं अलग से विद्युत दर निर्धारित कर केंद्र सरकार का मजाक उड़ा रही है। कांग्रेस ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मांग की है कि वे मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जो दोहरी नीति बनाई जा रही है, उसे तत्काल निरस्त करें। साथ ही बिजली कनेक्शन लेने की अनिवार्यता भी समाप्त करें।
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