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नागपुर. एक ओर जहां सरकार द्वारा नये-नये मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पुराने कॉलेजों में खाली सीटों का बोझ बढ़ता जा रहा है. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में सभी वर्ग में पद खाली पड़े हैं. इससे न केवल प्रशासकीय बल्कि स्वास्थ्य सेवा पर भी असर पड़ रहा है.
मेयो में पुरानी बेड व्यवस्था के तहत ही मैन पॉवर मंजूर है. इस बीच पिछले वर्षों में एमबीबीएस की सीटें दोगुनी हो गईं. वहीं अस्पताल का विस्तार भी हुआ लेकिन नये पद निर्मित नहीं किए गए. पुराने रिक्त पदों पर भी भर्ती में देरी की जा रही है. इससे स्वास्थ्य सेवा सहित प्रशासनिक व्यवस्था भी लड़खड़ा गई है.
मेयो में वर्ग-1 के 4 पद मंजूर हैं लेकिन चारों ही खाली पड़े हैं. वहीं वर्ग-2 में मंजूर 37 पदों में से 9 पद खाली हैं. टेक्निशियन वर्ग में तो स्थिति बदतर है. कुल 50 पद मंजूर हैं लेकिन 26 ही भरे हैं, जबकि 24 पद खाली हैं. वर्ग-3 में लिपिक वर्ग में 13 पद खाली हैं, जबकि 21 ही भरे हुए हैं. वर्ग-4 में कुल 241 पदों में केवल 88 ही भरे हुए हैं. वहीं 153 पद खाली पड़े हैं. यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ. बड़ी संख्या पद खाली होने के बाद भी सरकार द्वारा भर्ती नहीं की जा रही है बल्कि अब ठेकेदारी कर्मचारियों की नियुक्ति की योजना बनाई जा रही है.
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