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- दवलामेटी में तगड़ा बंदोबस्त, कांग्रेस, भाजपा, वंचित ने मिलकर किया ‘खेला’
नागपुर. महिला दिवस के अवसर पर दवलामेटी में महिला सरपंच व उपसरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. राजनीतिक पार्टियों की इस भूमिका से नागरिकों में रोष देखा गया. नागरिकों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले स्थानीय विधायक के विरोध में नारेबाजी की. इस दौरान तगड़ा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया.
दवलामेटी की सरपंच रीता उमरेडकर व उपसरपंच प्रशांत केवटे के खिलाफ भाजपा, कांग्रेस व वंचित बहुजन आघाड़ी ने एकत्रित रूप से अविश्वास प्रस्ताव पारित किया. ऐन महिला दिन पर महिला सरपंच को ही पद से हटाने की कार्यवाही से लोगों नाराजगी देखने को मिली. दवलामेटी के सभागृह में नागपुर ग्रामीण के तहसीलदार आकाश वानखेड़े की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया. खास बात यह रही कि भाजपा की राजनीतिक चाल पर नागरिकों ने असंतोष व्यक्त किया.
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में भाजपा के गजानन रामेकर, सतीश खोब्रागडे, छाया खिल्लारे, रश्मि पाटिल, शकुंतला अभ्यंकर, उज्ज्वला गजभिये, शीतल वानखेडे, कांग्रेस की अर्चना चौधरी, वंचित की साधना शेंद्रे सहित कुल 9 सदस्यों ने मतदान किया जबकि प्रस्ताव के विरोध में सरपंच रीता उमरेडकर, उपसरपंच प्रशांत केवटे, सदस्य रक्षा सुखदेवे सहित 3 सदस्यों ने मतदान किया. 2 वर्ष पहले दवलामेटी ग्राम पंचायत के चुनाव में वंचित बहुजन आघाड़ी की निर्वाचित उम्मीदवार रीता उमरेडकर को सरपंच तथा कांग्रेस के प्रशांत केवटे उपसरपंच बनाया गया था.
सभागृह के बाहर नारेबाजी
कांग्रेस समर्थित सदस्य अर्चना चौधरी व वंचित बहुजन आघाड़ी समर्थित साधना शेंद्रे ने विपक्ष के समर्थन में मतदान किया. नागरिकों का कहना था कि महिला दिवस पर ही एक महिला सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना कहां तक उचित है. एक अपात्र सदस्य सिद्धार्थ ढोके ने आयुक्त कार्यालय से सोमवार को स्टे ऑर्डर लाया था लेकिन बुधवार को इस आदेश को रद्द कर दिया गया.
ढोके को सभागृह में प्रवेश नहीं दिया गया. आदेश रद्द होने का कारण पता नहीं चल सका. विपक्ष ने सत्ताधारी पक्ष के 4 सदस्यों पर अतिक्रमण में घर बांधने का आरोप लगाकर जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा अपात्र घोषित करने की चर्चा है. वहीं दूसरी ओर एक सत्ताधारी सदस्य को 3 बच्चे होने का कारण बताकर विपक्ष ने दबाव तंत्र का इस्तेमाल किया.
विश्व महिला दिवस पर अविश्वास की कार्यवाही महिलाओं का अपमान करने वाली घटना है. इस तरह की राजनीति विकास के लिए बाधक है. साथ ही नागरिकों के साथ विश्वासघात है.
रीता उमरेडकर (निवर्तमान सरपंच)
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