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सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के जत्थेदार सिंह ने केंद्र पर गुरुद्वारों के प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को गुरुद्वारों के ‘लंगर’ से काफी समर्थन मिला था।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपी) को ‘‘तोड़ने’’ के लिए ‘‘बड़ी साजिश’’ रचने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि हरियाणा में सिख धर्मस्थलों का प्रबंधन राज्य सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है।
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के जत्थेदार सिंह ने केंद्र पर गुरुद्वारों के प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को गुरुद्वारों के ‘लंगर’ से काफी समर्थन मिला था।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) हरियाणा में अलग गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाने का विरोध कर रही है।
पिछले साल, उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम, 2014 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, जिसके तहत हरियाणा में गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए एक अलग समिति का गठन किया गया था।
होली के अवसर पर रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब में एक सभा को संबोधित करते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा, “एक देश जो अपनी संसद को बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास करता है, उसे सिखों की संसद (एसजीपीसी) को तोड़ने में जरा भी शर्म नहीं आई।”
उन्होंने कहा कि देश की व्यवस्था हर कीमत पर संसद को अक्षुण्ण रखने के लिए काम करती है।
जत्थेदार ने कहा, “लेकिन हमारी संसद (एसजीपीसी) को दो हिस्सों में तोड़ दिया गया है। अगर सिखों की संसद को दो हिस्सों में तोड़ दिया गया है, तो ईश्वर उस संसद को कई हिस्सों में तोड़ देगा। यह खालसा का अभिशाप होगा।”
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को तोड़ दिया गया है, जो सिख समुदाय की रीढ़ है। सिंह ने जोर देकर कहा कि हरियाणा में सिखों की तरफ से अलग गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की कोई मांग नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में सिख अलग निकाय की मांग कर रहे हैं, यह दिखाकर एक बड़ी साजिश रची गई।
दूसरी ओर,हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को कहा कि राज्य की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ऐतिहासिक गुरुद्वारों का प्रबंधन करेगी और सरकार की ओर से सभी तरह का सहयोग और सहायता प्रदान की जाएगी।
खट्टर ने कहा, “… यदि हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों के निर्माण सहित (राज्य) सरकार से किसी भी तरह के सहयोग की आवश्यकता होगी, तो सहयोग किया जाएगा।”
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खट्टर ने यमुनानगर में श्री थडा साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद यह जानकारी दी।
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख बाबा कर्मजीत सिंह ने खट्टर को सम्मानित किया।
इस मौके पर खट्टर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई भी दी।
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