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पुणे: खड़कवासला से इंदापुर (Indapur) तक बहने वाली नई मुठा-उजवा नहर (Mutha-Ujwa Canal) के पानी की बर्बादी रोकने, मजबूतीकरण, नहर से कचरा पत्थर निकालने के काम के लिए 35 करोड़ रुपए खर्च आया है। यह उपाय योजना करने से नहर के बहने की क्षमता बढ़ने का दावा जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) की तरफ से किया गया हैं।
खड़कवासला से इंदापुर तक 202 किलोमीटर लंबी मुठा-उजवा नया नहर है। इस नहर का काम 1960 में पूरा हुआ था। इसके 63 वर्ष पूरे हो चुके है। खड़कवासला से फुरसुंगी तक 29 किलोमीटर लंबी नहर है। शहर के धायरी, नांदेड, जनता कॉलोनी, लष्कर छावनी भाग, हडपसर के अलावा आगे फुरसुंगी, लोणी कालभोर इस भाग से आगे दौंड और आखिर में इंदापुर तक यह नहर जाती है।
35 करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका
2018 में मुठा-उजवा नहर दांडेकर पुल परिसर में बाढ़ आ गया था। इसे देखते हुए हर वर्ष इसका निरीक्षण कर मरम्मत की जाती है। इस नहर के शहरी भाग में आज भी 40 फीसदी पानी का लीकेज होता है। इस लीकेज को रोकने का काम शुरू किया गया था। इसके लिए 37 करोड़ का फंड मंजूर है। इनमें से 35 करोड़ रुपए का काम पूरा हो चुका है। यह नहर हमेशा बहती रहती थी इसलिए इसकी दुरुस्ती के काम में अड़चन आती थी।
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कचरा, कीचड़ लगातार डाले जा रहे
इस नहर की क्षमता एक हजार क्युसेक पानी वहन की है। नहर से सटे क्षेत्र में भारी अतिक्रमण होने से पिछले कई वर्षों से इस नहर में कचरा, कीचड़ लगातार डाले जा रहे हैं। साथ ही नहर के भराव में खर पतवार उग आए है। इसके अलावा इस नहर से 40 फीसदी पानी का लीकेज होने की वजह से इंदापुर तक कम पानी पहुंचता है।
नहीं रुक रहा पानी का लीकेज
पिछले कुछ वर्षों में इस नहर की मरम्मत, मजबूतीकरण का काम नहीं किया गया। इस वजह से नहर की हालत खस्ता है। यहां पर चूहे और दूसरे जानवरों ने अपना आसियाना बना लिया है। इस नहर से खेत के लिए पानी छोड़ने पर यहां चूहों द्वारा किए गए छिद्र से पानी बर्बाद होती है। इस वजह से लीकेज होने के साथ कलवा के फूटने की घटना बार-बार हो रही है। इस नहर से हमेशा पानी छोड़े जाने की वजह से भराव का काम करने के बावजूद निचले हिस्से गीला होने के कारण संबंधित भाग का लीकेज नहीं रुक रहा है।
यहां की गई नहर की मरम्मत
नहर के भराव का काम पूरा कर लिया गया है। फुरसुंगी और खडकवासला, धायरी, जनता कॉलोनी से शिंदे बस्ती तक नहर की मरम्मत का काम किया गया है। इस काम के लिए 37 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है। इनमें से 35 करोड़ रुपए का काम पूरा कर लिया गया है। यह जानकारी खडकवासला जल सिंचाई विभाग के कार्यकारी इंजीनियर विजय पाटिल ने दी।
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