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देवी मां के दर्शन के लिए ऐसे तो श्रद्धालुओं को किसी विशेष दिन की जरूरत नहीं होती हैं। श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने से वह सभी कष्टों से मुक्ति देती हैं। कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां पर भक्तों की भारी भीड़ होती है।
भारत में देवी मां के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। लाखों की संख्या में लोग इन मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाते हैं। वहीं उत्तरी हिस्सों में नवरात्रि काफी धूमधाम और उत्सव के साथ मनाया जाता है। आज आपको हम देवी मां के कुछ खास मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। वहीं यह मंदिर भारतीय उपमहाद्वीप में फैले शक्ति पीठों में भी आते हैं। मान्यताओं के अनुसार, जिन स्थानों पर देवी सती के अंग कटकर गिरे थे, उन स्थानों पर शक्तिपीठों की स्थापना हुई है। आइए जानते हैं देवी मां से जुड़े कुछ प्रमुख मंदिर और यहां पर जाने के लिए कौन सा महीना बेस्ट रहने वाला है।
कामाख्या मंदिर
आपको बता दें कि गुवाहाटी में स्थित कामाख्या देवी मंदिर की देश-दुनिया में बड़ी कीर्ति है। यह मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। इस गुफा के अंदर एक योनि की मूर्ति है, जिसे काफी पवित्र माना जाता है। इस पवित्र मंदिर में श्रद्धालु यूं तो सालभर आते हैं। लेकिन यहां पर मार्च से जून के महीने के बीच में दुर्गा पूजा, दुर्गादेऊळ, पोहान बिया, वासंती पूजा, मदानदेऊल, अम्बुवासी पूजा का विशेष महत्व होता है।
माता वैष्णो देवी मंदिर
जम्मू-कश्मीर के कटरा जिले में स्थिति वैष्णों देवी मंदिर की महिमा तो आप सब ने सुनी होगी। यह देश के 108 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख हैं। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहां पर एक पवित्र गुफा में वैष्णों माता चट्टानों के रूप में निवास करती हैं। अगर आप भी वैष्णों माता के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो यहां आने के लिए फरवरी से सितंबर का महीना सबसे बेस्ट रहता है।
महाकाली देवी मंदिर
मध्य प्रदेश में क्षिप्रा नदी के किनारे एक प्राचीन शहर उज्जैन में महाकाली देवी मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब देवी सती के अंग अलग-अलग हिस्सों में गिरे थे तो उनके ऊपरी होंठ उस स्थान पर गिरा था। जहां पर वर्तमान में यह मंदिर स्थित है। आपको बता दें कि यहां पर महालक्ष्मी, ग्रह कालिका और सरस्वती आदि देवियों के अन्य रूप भी मौजूद हैं। यहां पर आप नवरात्रि के आसपास आ सकते हैं।
कालीघाट मंदिर
कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 2000 साल से भी अधिक पुराना है। यह एक महत्वपूर्ण शक्ति पीठ के रूप में मशहूर है। अगर आप भी य़हां घूमने का प्लान बना रहे हैं तो मार्च से अक्टूबर के दौरान यहां पर आ सकते हैं। नवरात्रि के मौके पर यहां भव्य़ पूजा का आयोजन भी किया जाता है।
मां पीतांबरा देवी
मध्यप्रदेश के दतिया जिले में स्थित सिद्ध पीठ पीतांबरा माता के मंदिर की स्थापना साल 1935 में स्वामीजी ने की थी। मान्यता है कि यहां पर दिन के तीन प्रहर में देवी मां तीन तरह के रूप बदलती हैं। हालांकि मां पीताम्बरा देवी के बदलते स्वरूप का राज आज तक किसी को नहीं पता चल सका। पीताम्बरा माता को राजसत्ता की देवी कहा जाता है। यहां पर आने के लिए मार्च से सिंतबर तक का समय सबसे बढ़िया रहता है।
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