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राजकोट: गुजरात के मोरबी ब्रिज घटना मामले में जिला और सत्र अदालत ने ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल ने अंतरिम जमानत याचिका ख़ारिज कर दी है। पिछले साल मोरबी पूल हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी।
अदालत द्वारा जमानत याचिका ख़ारिज करने के बाद जयसुख पटेल के वकील हरेश एन मेहता ने कहा कि, जयसुख पटेल जमानत आदेश तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। गुजरात उच्च न्यायालय में सू मोटो याचिका ने घायल व्यक्ति और प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया।
Rajkot, Gujarat | Jaysukh Patel will stay in judicial custody until bail order. The suo moto petition in Gujarat High Court ordered compensation for injured person & affected families: Adv Haresh N Mehta on Jaysukh Patel’s bail rejected by district court in Morbi Bridge incident pic.twitter.com/MKLA83vbQ6
— ANI (@ANI) March 7, 2023
अधिवक्ता हरेश एन मेहता ने आगे कहा कि, आरोपी जयसुख पटेल ने मुआवजे की व्यवस्था के लिए अंतरिम जमानत मांगी है क्योंकि वह सदस्यों के बोर्ड का हिस्सा है और मुआवजे की व्यवस्था करना बोर्ड द्वारा एक सामूहिक प्रयास और निर्णय होगा। इस कॉल के पीछे कोई बुरा इरादा नहीं था।
इससे पहले, गुजरात उच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को घड़ी निर्माता कंपनी ओरेवा समूह को मोरबी झूला पुल हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को दो लाख रुपये का ‘‘अंतरिम” मुआवजा चार सप्ताह के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया था।
वहीं, जयसुख पटेल ने पुल से जुड़े हादसे में मृतकों के परिवारों और घायल हुए 56 लोगों को मुआवजा देने के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के वास्ते 15-20 दिनों के लिए जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया था।
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