दीपयज्ञ में यजमानों को दक्षिणा में नशे की लत छोड़ने का दिलाया संकल्प

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Gayatri parivar

गायत्री परिवार का अजीतखेड़ी में “नशाबंदी दीपयज्ञ”

देवास। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत देशभर में लोगों को नशा छुड़ाने के उद्देश्य से नशा मुक्ति सेमिनार व नशाबंदी नाटकों का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरों में किया जा रहा है। इसी के तहत देवास से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम अजीतखेड़ी में गायत्री परिवार की टीम पहुंची। दीपयज्ञ के माध्यम से लोगों को नशे से दूर करने का प्रयास किया।

गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ की संगीत टोली ग्राम अजीतखेड़ी पहुंची, वहां पर ग्राम के गजपालसिंह सोलंकी एवं दिलीपसिंह सोलंकी के नेतृत्व में नशा मुक्ति रैली निकालकर पूरे गांव में भ्रमण करते हुए नशा मुक्ति नारे और गीतों से लोगों को नशे से मुक्त होने का संदेश दिया।

नशे को दूर भगाना है खुशहाली को लाना है,
बीड़ी पीकर खास रहा है मौत के आगे नाच रहा है, गांजा भांग शराब तंबाकू ये सब है जीवन के डाकू आदि नारे लगाए। ग्राम के मन्दिर में गायत्री शक्तिपीठ की संगीत टोली ने संगीतमय नशा मुक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिसमें ग्रामीण मंत्रमुग्ध हुए।

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आयोजन में युवा प्रकोष्ठ जिला समन्वयक प्रमोद निहाले ने दीपयज्ञ के दौरान कहा कि नशे की बुरी लत से मनुष्य का जीवन बर्बाद होता है। हमारा कर्तव्य है कि हमें समाज को नशे की बुरी लत से बचाना है। दीपयज्ञ में उपस्थित ग्रामीणों से दक्षिणा में अपने जीवन की एक बुराई छोड़ने एवं एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प दिलाया तथा नन्हें मुन्ने बच्चों को रोज गायत्री मंत्र बोलने को संकल्पित कराया ताकि गायत्री मंत्र से बच्चों की बुद्धि प्रखर बन सकें।

वहीं महिलाओं को बलिवैश्य यज्ञ नियमित करने को कहा, जिसमें पहली रोटी के पांच निवाले एवं गुड़ से अग्निहोत्र कर शेष रोटी को गाय माता को खिलाना होता है, जिससे भोजन सुसंस्कारी बन सके और वही संस्कार परिवार में भी निर्मित हो सके तथा परिवार सुखी एवं समृद्ध बन सकें।

आयोजन में गायत्री शक्तिपीठ संगीत टोली की मंजू पटेल, दुर्गा पटेल, सूर्यांशी दुबे, नंदनी, प्रज्ञा निहाले, टीना सोलंकी सहित ग्रामीणों का सराहनीय सहयोग रहा। कार्यक्रम में सरपंच प्रभुसिंह सोलंकी, देवीसिंह सोलंकी, राजेन्द्रसिंह सोलंकी, कृष्णा सोलंकी, रविराजसिंह सोलंकी, सुरेन्द्रसिंह सोलंकी, नेहा सोलंकी, सौदानसिंह सोलंकी, अर्जुनसिंह सोलंकी, आशा सोलंकी, दरबारसिंह सोलंकी, कैलाश सोलंकी सहित सैकड़ों परिजनों की उपस्थिति रही।

ग्राम के भंवरसिंह सोलंकी ने इस आयोजन के लिए गायत्री परिवार के परिजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगे भी ऐसे आयोजन करते रहे जिससे हमारा गांव संस्कारवान बन सकें।

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