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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। इसने एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ सलाह दी है।
बर्बर खांसी इन दिनों घर-घर में कहर ढा रही है। अमूमन इस तरह की भयंकर खांसी की दिक्कत तब देखी गई थी जब कोरोना अपने पीक पर था। लोगों के अंदर उसकी दहशत थी। लेकिन अब वैसा ही टॉर्चर लोग महसूस कर रहे हैं। लोगों में इस बात का टेंशन है कि क्या कोरोना का ये नया रूप है या फिर नया वायरस है जिसकी चपेट में हर चौथा या पांचवा शख्स है। ये ऐसी खांसी है जो एकबार आने के बाद जाने का नाम नहीं ले रही है। खांसते-खांसते लोगों के फेफड़े हिल जाते हैं। सांस फूलने लगती है, गले में दर्द होने लगता है। कई बार तो पूरी रात खांसते हुए गुजर जाती है। चिंता की बात ये है कि पहले जो खांसी पांच से छह दिनों में ठीक हो जाती थी। उसे इस बार जाने में 25 से 30 दिन का समय लग रहा है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है। इसने एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग के खिलाफ सलाह दी है। अभी, लोग एंटीबायोटिक्स जैसे एज़िथ्रोमाइसिन और एमोक्सिक्लेव आदि लेना शुरू कर देते हैं, वह भी बिना किसी साइड इफेक्ट की परवाह किए। आईएमए ने एक बयान में कहा कि खांसी, सर्दी और मौसमी बुखार के मामले में लोग बिना सलाह एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करने से बचें। आईसीएमआर ने खुद को संक्रमण से बचाने के लिए क्या करें और क्या न करें जारी किया है। डॉस में नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोना, फेस मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना शामिल है। आईसीएमआर ने बुखार और बदन दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल के इस्तेमाल की सलाह दी है।
वायरस की चपेट में आने से आपको हाई ग्रेड फीवर हो सकता है। इसके साथ ही आपको कंपकपी भी महसूस हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकतर लोगों ने तेज बुखार महसूस किया है। बुखार के साथ लगातार खांसी भी महसूस हो सकती है। ये खांसी कोई आम खांसी नहीं होती है। ये आपको परेशान कर सकती है। एच3एन2 वायरस से पैदा हुए लक्षण दो से तीन हफ्तों तक रह सकते हैं। ज्यादातर पीड़ितों को दो से तीन दिन तेज बुखार रहता है। इसके साथ बदन दर्द, सिरदर्द और गले में बेचैनी महसूस हो सकती है। खांसी आपको दो से तीन महीने तक रहे सकती है।
Influenza A subtype H3N2 is the major cause of current respiratory illness. ICMR-DHR established pan respiratory virus surveillance across 30 VRDLs. Surveillance dashboard is accessible at https://t.co/Rx3eKefgFf@mansukhmandviya @DrBharatippawar @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes pic.twitter.com/3ciCgsxFh0
— ICMR (@ICMRDELHI) March 3, 2023
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