Tripura के चुनावी नतीजों पर बोले माणिक सरकार, लोकतंत्र पर हमला हुआ, मतदान को स्वांग में बदला गया

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Manik Sarkar

ANI

लेफ्ट नेता ने कहा कि मतदान को स्वांग में बदल दिया गया। संविधान ने काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि नतीजा कुछ और है। एक बात तो साफ है कि 60 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया।

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन में जबरदस्त जीत हासिल की है और सत्ता में वापसी की है। कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन बहुमत से काफी पीछे रह गए। इन सबके बीच त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और लेफ्ट के बड़े नेता मानिक सरकार ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि नजीते अप्रत्याशित हैं क्योंकि सरकार का प्रदर्शन शून्य रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि लोकतंत्र पर हमला हुआ और मतदाताओं के मताधिकार का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने का अधिकार छीन लिया गया। 

लेफ्ट नेता ने कहा कि मतदान को स्वांग में बदल दिया गया। संविधान ने काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि नतीजा कुछ और है। एक बात तो साफ है कि 60 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया। सरकार ने कहा कि भाजपा विरोधी वोट बंटे, कई चीजें हुईं… लोग कहने लगे हैं कि भाजपा को दोबारा सत्ता में लाने में किसने मदद की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह बहुत स्पष्ट है। लेकिन मुझे किसी पार्टी का नाम लेना पसंद नहीं। 

त्रिपुरा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 33 सीट जीतकर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है। पूर्ववर्ती राजघराने के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा द्वारा गठित टिपरा मोठा पार्टी को 13 सीट मिलीं, जबकि वाम-कांग्रेस गठबंधन ने 14 सीट हासिल कीं। देबबर्मा की पार्टी ने जनजातीय क्षेत्र में वाम दल के वोट में सेंध लगाई। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का बेहद खराब प्रदर्शन रहा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 25 साल तक त्रिपुरा पर शासन करने के बाद 2018 में सत्ता खो दी थी। पिछली बार पार्टी ने केवल 16 सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी ने 47 सीट पर चुनाव लड़ा और 24.62 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी के साथ 11 सीट पर जीत हासिल की।

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