आत्मबोध होने पर मरने-जीने का दुख दर्द खत्म हो जाता है- सद्गुरु मंगल नाम साहेब

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देवास। सदगुरु कबीर प्रार्थना स्थली पर बसंत महोत्सव के 12वें दिन बुधवार को सद्गुरु मंगल नाम साहेब ने गुरुवाणी पाठ, तत्व बोध चर्चा में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि जीव को करोड़ों बार मार दिया, जला दिया। संसार में सब दूर यही चल रहा है, कि हमने मार दिया, जला दिया। लेकिन हम देह को जलाते हैं, जीव तो अजर-अमर है। कभी मरता नहीं जीव। जीव जिए जुगन जुग, मरे न कबहु, ताको कहिए जीव। जो युगों-युगों से एक शरीर से दूसरे शरीर में जन्म लेता आया है। जीव एक ही है, बस शरीर अलग-अलग होते है। जीव विदेही है, जिसकी कोई देह नहीं होती। जीव पवन के साथ सारी योनियों को लेकर चल रहा है, जिससे चेतना का विकास हो रहा है। यह बन जाऊं, वह बन जाऊं, यह कर लूं, वो कर लूं। प्रत्येक मानव आशा और तृष्णा के भाव में बह रहा है, लेकिन अगर आत्मबोध के घर में आ जाए।आत्मबोध हो जाए, तो मरने-जीने का दुख-दर्द सदा-सदा के लिए खत्म हो जाता है। जिसने परम तत्व को जान लिया, वह हर हाल में आनंद में रहेगा। वह एक ऐसी स्थिति में आ जाता है कि फिर दूध पिए तो आनंद, जहर पिये तो आनंद, क्योंकि वह आनंद से भरा हुआ है। वह अंधेरे में भी आनंद में है, क्योंकि उसने आनंद में रहने के लिए परम तत्व को जान लिया है। फिर चाहे अंधेरा हो या उजाला। वह इतना आनंदित हो जाता है कि फिर उसे अंधेरे उजाले का भान ही नहीं रहता। सब दूर आनंद ही आनंद और अंधेरे में भी प्रकाश ही दिखाई देता है। 26 जनवरी गुरुवार को समापन अवसर पर गौ माता गौ सुरभि को सोने के सिंग व चांदी की खुर पहनाकर गोपालपुरा के औघड़ बाबा मोहन दास द्वारा पूजा की जाएगी।

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