– कृषि उपज मंडी का मामला, रात्रि में पर्ची व स्टाक मिलान के दौरान धोखाधड़ी का लगा पता
देवास। कृषि उपज मंडी में नकली अनुबंध व तौल पर्ची से एक व्यापारी के यहां से करीब साढ़े तीन लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। संबंधित ने बगैर माल बेचे ही नकली पर्ची से व्यापारी फर्म से भुगतान प्राप्त कर लिया। रात्रि में जब पर्चियों व स्टॉक का मिलान हुआ तब जाकर यह गड़बड़ी पकड़ में आई। मामले में मंडी प्रशासन जांच में जुट गया है।
जानकारी के अनुसार व्यापारिक फर्म प्रेस्टिज सीड में शुक्रवार की दोपहर दो से ढाई बजे के बीच अनुबंध पर्ची व तौल पर्ची लेकर आए व्यक्ति ने 3 लाख 50 हजार 163 रुपए की चपत लगा दी। मंडी में व्यापारिक फर्म द्वारा अनुबंध व तौल पर्ची के आधार पर किसानों को भुगतान किया जाता है। ऐसे में अनुबंध व तौल पर्ची दिखाने पर संबंधित को फर्म द्वारा भुगतान कर दिया गया। एक पर्ची विनोद जिरवाय के नाम से बनाई गई थी, जिसमें सोयाबीन का वजन 38 बोरी 52 किलो तथा दूसरी पर्ची दिलीप बेरछा के नाम से थी, इसमें करीब 39 क्विंटल सोयाबीन का वजन था। पर्ची के आधार पर राशि का भुगतान कर दिया गया। रात्रि में जब मिलान किया गया, तब इस धाेखाधड़ी का पता चला।
फर्जी पर्ची कैसे बनी, जांच होनी चाहिए-
व्यापारिक फर्म के सुरेश अग्रवाल ने बताया कि ये नकली पर्चियां कैसे बनी, इसकी जांच होनी चाहिए। हमारा साढ़े तीन लाख रुपए से अधिक का नुकसान हो गया है। एसपी से भी इसकी शिकायत कर रहे हैं। इधर अनाज व्यापारी संघ ने भी मंडी सचिव को आवेदन दिया है। इसमें नकली बिल्टी बनाकर धोखाधड़ी करने वाले पर कार्रवाई की मांग की है।
मामले की जांच करवा रहे हैं-
इस संबंध में मंडी सचिव प्रवीण चौधरी का कहना है कि हमें आवेदन प्राप्त हुआ है। ये ओरिजनल पर्ची है या नकली, इसकी जांच करने के बाद ही स्पष्ट कह सकते हैं। जब कोई व्यापारिक फर्म माल खरीदती है तो उसके पास भी पर्ची होती है, उन्हें भुगतान करने के दौरान पर्ची का मिलान अवश्य करना चाहिए। हम मामले की जांच करवा रहे हैं।
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