जीएसटी विधान में ब्याज एवं पेनल्टी की माफी योजना

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देवास। जीएसटी विधान अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के प्रकरणों में निरूपित ब्याज एवं पेनल्टी की माफी की नई योजना जीएसटी विधान के अंतर्गत लाई गई है। इस संबंध में एक नया नियम-164 भी जोड़ा गया है, जिसे 1 नवंबर 2024 से प्रभावी किया गया है तथा इस संबंध में परिपत्र 8 अक्टूबर 2024 जारी किया गया है।

उपायुक्त राज्य कर वृत्त देवास ने बताया कि योजना का उद्देश्य धारा 73 के तहत उठाए गए कर के संबंध में निरूपित ब्याज और पेनल्टी के बिना माफ करके करदाताओं पर अनुपालन बोझ को कम करने से संबंधित है। नवंबर 2024 से प्रभावी यह योजना करदाताओं को बकाया राशि को समाप्त करने और ब्याज और पेनल्टी के बिना जीएसटी अनुपालन को नियमित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

योजना में किए गए प्रमुख प्रावधान-

जीएसटी एमनेस्टी योजना वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 तक के प्रकरणों में जारी नोटिस एवं आदेशों के लिए लागू है। यह योजना धारा 73 के तहत मूल्यांकित गैर-धोखाधड़ी वाले मामलों से ही संबंधित है। योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के धारा 73 से संबंधित प्रकरणों में धारा 50 के तहत आरोपित ब्याज एवं धारा 73 के तहत आरोपित शास्ति या दोनों को माफ करने से संबंधित है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए देयकर राशि का भुगतान निर्दिष्ट समय-सीमा 31 मार्च 2025 तक किया जाना है। यदि प्रकरण अपील में है तोे करदाता को प्रमाण देना होगा कि उनके द्वारा अपील वापस ले ली गई है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए करदाता को ऑनलाइन जीएसटी एसपीएल-01 एवं जीएसटी एसपीएल-02 प्रस्तुत करना होगा।

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सहायक आयुक्त राज्य कर देवास योगेश जाटवा ने बताया कि यह योजना करदाताओं को ब्याज और पेनल्टी माफ करने एवं अपने जीएसटी अनुपालन को नियमित करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है, जिसका उपयोग करदाता को अवश्य किया जाना चाहिए।

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