हिंद देश के हैं हम वासी… कितने ही चढ़ गए हैं फांसी

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manohar karada

  • हिंदूवादी नेता व वक्ता मनोहर कराड़ा ने सर्वजातियों को एकसूत्र में पिरोने वाली सुनाई कविता

देवास। बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन के साथ ही मालवा-निमाड़ के सभी जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं। राधागंज स्थित क्लब मैदान में प्रदर्शन के दौरान हजारों की संख्या में सर्वसमाज के लोग एकत्रित हुए। इस दौरान सर्व जातियों को एकता के सूत्र में पिरोने के भाव से हिंदूवादी नेता व प्रसिद्ध वक्ता मनोहर कराड़ा ने स्वरचित कविता गाकर मौजूद लोगों के आंदोलित कर दिया।

उनकी कविता को सुन हजारों की संख्या में उपस्थित लोग भावविभोर हो उठे। वक्ता श्री कराड़ा ने अपनी कविता सुनाने से पहले संक्षिप्त भाषण में कहा, कि मैं सनातनी भाइयों को जाग्रत करने के लिए निकल पड़ा हूं। आप सभी मेरा साथ दें। हम लगभग साढ़े छह हजार जातियों में बंटे लोग हैं। मेरी नजरों में सारी जातियां एक समान हैं और सबके प्रति मेरे मन में सम्मान का भाव है। कविता के माध्यम से मैंने सारी जातियों को एकसूत्र में पिरो देने का काम किया है।

अपने भाषण के बाद उन्होंने हिंद देश के हैं हम वासी कितने ही चढ़ गए हैं फांसी… कविता सुनाई तो उपस्थित लोगों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाकर तालियां बजाते हुए उनका साथ दिया। श्री कराड़ा ने कहा कि हम सर्वजातियों को एकसूत्र में पिराेने के प्रयास में जल्द ही गांव-गांव में यात्रा करेंगे।

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