33 केवी के फीडर ज्यादा ट्रिप हुए तो अधीक्षण यंत्री होंगे उत्तरदायी

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  • दीपावली के मद्देनजर जरूरी मैंटेनेंस 15 दिनों में पूर्ण करे- रजनी सिंह
  • पुरानी बिजली बिल राशि प्रतिमाह वसूली जाए ताकि लंबित प्रकरण कम हो

इंदौर। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बुधवार को पोलोग्राउंड मुख्यालय में सभी 15 जिलों के बिजली अधिकारियों की मीटिंग ली। पांच घंटे चली मीटिंग में उन्होंने कहा कि 33 केवी फीडरों की विशेष मॉनिटरिंग की जाए, मैंटेनेंस भी उत्तम दर्जे का हो। 33 केवी के फीडर ज्यादा ट्रिप हुए तो अधीक्षण यंत्री सीधे जिम्मेदार होंगे। 33 केवी लाइन बंद होने से कृषि, उद्योग, व्यापारिक, घरेलू सभी क्षेत्र के हजारों उपभोक्ता प्रभावित होते है। हमारी छवि पर प्रतिकूल असर होता है।

उन्होंने कहा कि दीपावली का त्योहार इसी माह अंत में है, ऐसे में अगले 15 दिनों में दीपावली पूर्व का एवं पोस्ट मानसून मैंटेनेंस प्राथमिकता से कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों का सिंचाई कनेक्शनों का 115 करोड़ पुराना बकाया है। इस रबी सीजन में अभियान चलाकर राजस्व संग्रहित किया जाए। उच्च दाब उपभोक्ता, गैर घरेलू उपभोक्ताओं पर भी करोड़ों की राशि बकाया हैं, इसके लिए भी लक्ष्य तय किया जाए, नवंबर की मीटिंग में राजस्व संग्रहण के इन मुद्दों पर जवाब मांगा जाएगा।

सुश्री सिंह ने स्पष्ट किया कि गुणवत्ता से बिजली प्रदाय करना एवं समय पर राजस्व जुटाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं इसे पूरे करने के लिए सभी अधीक्षण यंत्री अपने जिले/सर्कल का नेतृत्व कर आशातीत परिणाम लाएं। शासकीय कनेक्शनों का वेरिफिकेशन भी समय पर पूर्ण करने, मिक्स फीडरों पर डीटीआर एवं एबी स्वीच के माध्यम से कृषि आपूर्ति पृथक करने, ट्रांसफार्मरों की लोकल रिपेयरिंग यूनिट (एलआरयू) का संचालन ठीक करने, ट्रांसफार्मर के फेल रेट घटाने के लिए पहल करने, आरडीएसएस एवं एसएसटीडी के कार्य समय पर कराने, नए कनेक्शनों के आवेदनों का समय पर निराकरण करने, ऊर्जस एवं 1912 सेवाओं पर ध्यान देने, जब्तशुदा वाहनों की नीलामी के लिए प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर बुरहानपुर, देवास एवं मंदसौर के अधीक्षण यंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों/प्रयासों की सराहना भी की गई। रतलाम के अधीक्षण यंत्री को आपूर्ति सुधार के लिए गंभीरता से प्रयास करने को कहा गया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रकाशसिंह चौहान, निदेशक तकनीकी सचिन तालेवार, कार्यपालक निदेशक गजरा मेहता, मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, रवि मिश्रा, एसआर बमनके, बीएल चौहान, शहर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा, इंदौर ग्रामीण अधीक्षण यंत्री सुधीर आचार्य ने भी विचार रखे।

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