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प्रतापनगर रेलवे क्रॉसिंग के समीप ढाई फीट तक भर गया बारिश का पानी

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– किसी का मोबाइल पानी में गिरा तो किसी का वाहन हुआ खराब

– युवाओं की टीम ने राहगीरों को किया सहयोग, सुरक्षित निकाला

– रहवासियों ने कहा अंडर ब्रिज या ओवर ब्रिज बनने से होगा समस्या का समाधान

देवास। प्रतापनगर रेलवे क्रासिंग गेट पर पुल नहीं होने की वजह से बारिश में जान जोखिम में डालकर रोड पार करनी पड़ती है। रेलवे स्टेशन से सिर्फ 500 मीटर की दूरी पर यह पहला क्रासिंग गेट है, लेकिन यहां तेज बारिश में अक्सर पानी जमा हो जाता है। गत दिवस बारिश में भी ढाई फीट तक पानी जमा हो गया, जिससे कई कॉलोनियों का रास्ता कई घंटे तक अवरूद्ध रहा।

प्रतापनगर के अजयसिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गेट से कालूखेड़ी, महाकाल कॉलोनी, प्रतापनगर के लोग रोज आनाजाना करते हैं। बारिश में बैंक नोट प्रेस कॉलोनी के पानी की निकासी भी यहीं से होती है। यह पानी रेलवे क्रासिंग को पार करते हुए किर्लोस्कर कंपनी के पास से बहता हुआ नाले में जाता है। गुरुवार को शाम 4 बजे से बारिश अधिक होने से रोड पर पानी इतना बढ़ गया कि लोगों को निकलने में 3 से 4 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। राठौड़ ने बताया कि यहां पानी 3 फीट तक ऊपर आ गया था। कई लोग जल्दी निकलने के चक्कर में वाहन सहित गिर गए। वार्ड क्रमांक 4 में रहने वाले अजय परते का मोबाइल भी पानी में गिर गया। काफी मशक्कत के बाद फोन तो मिला, लेकिन खराब हो गया। इस दौरान एक क्रेन भी पानी भरा होने की वजह से शाम सात से रात 10 बजे तक फंसी रही। रात को लोगों की सहायता से बड़ी मशक्कत करने के बाद क्रेन को निकाला जा सका। पानी का बहाव तेज होने के कारण दो पहिया एवं चार पहिया वाहन नहीं निकल पाए। पानी भरा होने से कई वाहन खराब हो गए, जिन्हें धक्का लगाकर निकालना पड़ा। प्रताप नगर के अजयसिंह राठौड़, रणवीरसिंह सिद्धू, रोबिन कटारे, अनुज पटेल, रवि बागवान, राहुल गुजराती की पूरी टीम ने रेस्क्यू दल बनाकर 3 से 4 घंटे तक पानी में फंसे लोगों और वाहनों को निकाला।

गेट बंद रहने से होती है परेशानी-

राठौड़ ने बताया कि इस गेट को पार करने के बाद दो प्रमुख कंपनिया हैं (कपारो ट्यूबस इंडिया और एसटीआई शानु कंपनी) इनमें हजारों कर्मचारी काम करते हैं, जो शहर के विभिन्न स्थानों से आनाजाना करते हैं। कभी पटरी का काम चलता है तो कभी गेट खराब हो जाता है, यहां यह समस्या हमेशा बनी ही रहती है। क्रासिंग गेट के लगे होने से वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। कई बार कर्मचारी लेट हो जाते हैं और उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है। महाकाल कालोनी और प्रताप नगर के निवासी बैंक नोट प्रेस, गाजरा गियर्स, किर्लोस्कर पंप जैसी बड़ी कंपनियों में नौकरी करते हैं, क्रासिंग गेट बंद होने से उन्हें काफी परेशानी होती है। स्थानीय रहवासियों ने बताया कि अगर यहां अंडरब्रिज या फ्लाई ओवर ब्रिज बन जाए तो इस समस्या से निपटा जा सकता है।

 

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