आजकल साइबर फ्राड जबरदस्त रूप से प्रचलन में है। पिछले दिनों ही मेरी कालोनी में रहने वाले एक सज्जन साइबर फ्राड के शिकार बने।
उन्हें कुछ सामान अमेरिका बेटी के पास भेजना था, तो उन्होंने गूगल पर सर्च कर एक कोरियर वाले का नंबर लिया। उसे फोन किया। उन्होंने बातचीत का कुछ ऐसा जाल फैलाया कि मेरी कालोनी के उन पढ़े-लिखे तेज तर्राट सज्जन को करीब 35 हजार रुपए की चपत लग गई।
मेरे एक साथी के पास एसबीआई रिवार्ड्ज संबंधित मैसेज आया। खोला तो YONO खुल गया। इन्होंने सोचा कि YONO में चेक कर लेता हूँ। ज्यों ही YONO खोला इनके करीब 27 हजार रुपए एकाउंट से कट गए। चूंकि मेरे मित्र पूर्व के भुक्तभोगी थे तो तुरंत उन्होंने बैंक को फोन कर ट्रांजैक्शन लॉक करवाया साथ ही पुलिस में रिपोर्ट की। इससे उन्हें उनके 27 हजार रुपए करीब तीन हफ्ते बाद वापस मिल गए।
जब इस तरह फ्राड जम के बेधड़क हो रहा है, तो हम आपका बचना कठिन ही है। मैं कुछ सावधानियां हमेशा बरतता हूँ। इसका विवरण दे रहा हूँ। शायद इन सावधानियों को बरतने से फ्राड का शिकार होने से बच पाने में सफलता मिले-
मैं ज्यादातर भुगतान आनलाइन ही करता हूँ। लेकिन इसके लिए उस एकाउंट का उपयोग करता हूँ जिसमें हमेशा केवल 10-15 हजार रुपए रहते हैं। अगर कभी मेरे साथ कोई फ्राड करने में सफल भी हुआ तो मुझे अधिक से अधिक 10-15 हजार की ही चोट लग पाएगी। इसके लिए मैंने एक ही बैंक की दो अलग-अलग शाखाओं में एकाउंट खोल रखे हैं।
लगभग हर महीने बैंक भी जाता हूँ। बैंक जाने का उद्देश्य मैनेजर तथा अन्य लोगों से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित करना होता है। इससे मुझे फोन पर ही कई बार बैंक मैनेजर या बैंक क्लर्क आवश्यक जानकारी दे दिया करते हैं।
मोबाइल से संबंधित अनेक फ्राड वाले मैसेजैस् आते रहते हैं कि तुरंत केवाईसी करवाइए आदि अन्यथा सिम डिएक्टीवेट कर दी जाएगी। ऐसे मैसेजैस् आने पर मैं बीएसएनएल आफिस फोन कर पुष्टि जरूर करता हूँ। इसके लिए जबकभी बीएसएनएल आफिस जाया करता हूँ ताकि वहां भी कुछ लोगों से मित्रता हो जाए। ये मित्र मुझे फोन करने पर सही सलाह भी दे दिया करते हैं। वैसे मैं सिम डिएक्टीवेट करने संबंधी सभी मैसेजैस् को इग्नोर कर दिया करता हूँ।
कल ही पेपर में पढ़ा था कि, धमतरी छत्तीसगढ़ में एक व्यक्ति को कूरियर वाले ने अपना एप डाउनलोड करने को कहा। उसने एप डाउनलोड कर लिया तो कूरियर वाले ने ओटीपी पूछा। ओटीपी बताने पर कुछ ही मिनटों में साढ़े 3 लाख से अधिक उसके एकाउंट से निकल गए। कभी भी किसी कूरियर वाले का एप डाउनलोड नहीं करना चाहिए जब तक कि वह कूरियर वाला जानामाना न हो। मैं भी जबकभी कूरियर सेवाओं का उपयोग करता हूँ। कई बार कूरियर वाले घर से ही भेजी जाने वाली सामग्री कलेक्ट कर लेते हैं। इस पर भी मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ। विदेश सामान भेजने के लिए भी भारतीय डाक सेवा का ही अब सामान्य रूप से उपयोग करता हूँ।
मैं कोई भी अनजानी लिंक कभी नहीं खोलता हूँ। बहुत से साथी ग्रीटिंग भेजते समय लिखते हैं कि यह लिंक ओपन कर देखो। तब भी मैं उनकी भेजी अनजान लिंक को कभी नहीं खोलता हूँ।
कई बार विभिन्न प्रलोभन वाले मैसेजैस् मेरे पास अनजान नंबरों या ईमेल से आते हैं। लेकिन मैं कभी किसी लालच में नहीं पड़ता और ऐसे अनजान नंबरों को तुरंत ब्लाक भी कर दिया करता हूँ। मेरे फोन में अबतक 100 से अधिक इस तरह के नंबर मैं ब्लाक कर चुका हूँ।
आजकल व्हाट्सएप कॉल द्वारा भी ब्लेकमेलिंग तथा फ्राड किया जाता है। इससे बचने के लिए मैंने बिना save नंबरों को साइलेंट में कर रखा है। यह सुविधा व्हाट्सएप में ही दी गई है। बाद में ऐसे नंबर की सच्चाई की पुष्टि कर जरूरी होने पर मैं स्वयं फोन लगा लिया करता हूँ।
कई बार कुछ लोगों के पास ऐसे भी व्हाट्सएप कॉल आते हैं जिनमें आधार कार्ड के दुरुपयोग या बच्चों के अपराध में फंस कर अरेस्ट होने संबंधित बातें होती हैं। कॉल करने वाला अपने आप को सीबीआई या ईडी का अधिकारी बताता है। ऐसे कॉल आने पर घबराना नहीं चाहिए। तत्काल फोन डिस्कनेक्ट कर बच्चों से सत्यता जानने के लिए बात करनी चाहिए या फिर लोकल पुलिस को फोन लगाना चाहिए। ऐसे ज्यादातर कॉल पाकिस्तान या अन्य देशों से ही आते हैं।
मेरा मानना है कि जितना संभव हो सके सतर्क रहना जरूरी है। हां भाग्य ही खराब हो तो ठगी के शिकार बन ही जाना मजबूरी होती है।
हम जितना सतर्क रहेंगे उतना ही हमारे ठगे जाने की संभावना कम रहेगी।
एक बात और, मुझे लगता है कि केवल जो राजनीतिक रूप से बहुत ताकतवर होते हैं, उनका ही पैसा वापस मिल पाने की संभावना रहती है।
इसलिए हमेशा याद रखें कि सावधानी बरतने में ही आपकी गाढ़ी कमाई की सुरक्षा संभव हो सकती है।
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