– कल होगी चातुर्मास कलश की स्थापना
नेमावर (संतोष शर्मा)। आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के धर्मप्रभावक सुशिष्य और नवाचार्य श्री समयसागरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती निर्यापक श्रमण मुनिश्री वीरसागरजी महाराज ससंघ का रविवार शाम को सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र में मंगल प्रवेश हुआ।
मुनि संघ की आगवानी की ट्रस्ट कमेटी की ओर से भव्य तैयारियां की गई थीं। दोपहर 2 बजे के करीब मुनिसंघ का खातेगांव से विहार हुआ था। करीब 17 किमी का पद विहार करते हुए मुनिसंघ नेमावर पहुंचा। नेमावर से डेढ़ किमी पहले धर्म ध्वजा लिए अश्व सवार बच्चे, बैंड-बाजे, पारंपरिक परिधानों में कुक्षी के कलाकारों का आदिवासी नृत्य, पंजाबी ढोल टीम हरदा के दिव्य घोष के साथ श्रद्धालुओं ने मुनिश्री की आगवानी की।
सिद्धोदय में पूर्व से विराजित क्षुल्लक भी मुनिश्री की आगवानी के लिए पहुंचे और तीन परिक्रमा लगाकर नमोस्तु किया। नेमावर नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ मुनिसंघ सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र पहुंचा। मुनिसंघ के स्वागत के लिए नगर में अनेक स्थानों पर रंगोली बनाई गई और जगह-जगह स्वागत द्वार लगाए गए।
आदिवासी चौराहे पर गौशाला समिति, बस स्टैंड पर पार्षदों के साथ नप अध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजपाल राजावत सहित जैन समाज ने अलग-अलग स्थानों पर मुनिश्री का पाद प्रक्षालन किया और आरती उतारी।
जिनालय में दर्शन करने के बाद प्रवचन हाल में खातेगांव, अजनास, नेमावर, संदलपुर, हरदा, खिड़किया, बानापुरा, सिवनी, खारदा सहित अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मुनिश्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इसके बाद सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र कमेटी के कार्याध्यक्ष सुरेश काला, महामंत्री सुरेंद्र जैन, कोषाध्यक्ष महेंद्र अजमेरा सहित अन्य पदाधिकारियों और समिति सदस्यों ने मुनिश्री का पाद-प्रक्षालन किया। ब्रम्हचारी भैयाओं ने मुनिश्री को शास्त्र भेंट किए। इसके बाद गुरुभक्ति हुई।
संचालन नरेंद्र चौधरी ने किया। पुनीत जैन ने बताया, कि सोमवार दोपहर डेढ़ बजे से चातुर्मास कलश स्थापना का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।
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