देवास। जब प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान थे तो उन्होंने प्रदेश के अनेक महानगरों में देश के शीर्ष उद्योगपतियों को बुलाकर समिट आयोजित की।
यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। अभी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी प्रदेश में उद्योग लगाने एवं रोजगार देने के नाम पर सबमिट लगाना प्रारंभ किया है। उज्जैन के बाद 20 जुलाई को जबलपुर में उन्होंने उद्योगपतियों से चर्चा की, जिसके अंतर्गत 23000 करोड़ के निवेश की बात उद्योगपतियों ने की है, वही कहा गया, कि नए उद्योग लगने से 50 हज़ार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने प्रदेश की भाजपा सरकार से मांग की है, कि वह बताएं कि पिछले 20 वर्षों में प्रदेश में जितनी भी समिट आयोजित की गई थी, उनके अंतर्गत प्रदेश में कहां-कहां नए उद्योग स्थापित हुए और कितने लोगों को युवाओं को रोजगार मिला।
देवास औद्योगिक शहर है। यहां पर तो पिछले 10 वर्ष में कोई भी नया उद्योग नहीं आया, बल्कि अनेक उद्योग बंद हो गए। प्रदेश में युवा बेरोजगारों की संख्या सबसे ज्यादा है। चाहे शिवराजसिंह सरकार हो, चाहे मोहन यादव की, इन्होंने सिर्फ झूठी वाहवाही लूटने के अलावा प्रदेश से बेरोजगारी मिटाने की दिशा में विशेष सकारात्मक कदम उठाया नहीं। जितने एमओयू उद्योगपतियों ने 20 वर्ष में साइन किए हैं, उस मान से अगर प्रदेश में उद्योग स्थापित हो जाते तो आज पूरा प्रदेश औद्योगिक प्रदेश के रूप में स्थापित हो जाता। वहीं प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के साथ देश के अन्य क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार दे सकता था।
कांग्रेस ने मांग की है कि भाजपा सरकार नए उद्योग लगाने को लेकर समिट आयोजित करने की बजाय पहले जो उद्योगपतियों से एमओयू साइन हुए हैं, उन उद्योगों को स्थापित करवाए, जिससे युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार दिए जा सके।
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