– देवास में देश-विदेश के ख्यात ज्योतिषाचार्य करेंगे मार्गदर्शन
देवास। मां चामुंडा की नगरी देवास में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु महासम्मेलन का आयोजन 8 जून से होने वाला है। महासम्मेलन में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के ज्योतिष शामिल होंगे एवं मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। लग-अलग विषयों पर शोध करने वाले ज्योतिष इस विधा के वैज्ञानिक महत्व की जानकारी प्रदान करेंगे। सम्मेलन में आमजन भी निर्धारित समय पर जन्म पत्रिका सहित अन्य माध्यमों से अपनी समस्याओं का समाधान ज्योतिष से करवा सकेंगे।
देवास शहर में पूर्व में ज्योतिष सम्मेलन आयोजित किए जाते रहे हैं, लेकिन पिछले कई वर्षाें से सम्मेलन का आयोजन नहीं हुआ था। इस बार मां शारदा ज्योतिष धाम अनुसंधान संस्थानम इंदौर के माध्यम से 8, 9 व 10 जून को उज्जैन रोड पर स्थित होटल राॅयल पैलेस पर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसमें देश-विदेश के वैदिक विधाओं के विशेषज्ञ शामिल होकर राजनीतिक परिद्श्य परिवर्तन एवं भविष्य, रोग उत्पन्न होने के ज्योतिषीय एवं वास्तु कारण व उपाय, विवाहोत्तर संबंध, तलाक का कारण आदि पर विचार रखेंगे। सम्मेलन में हस्त रेखा विशेषज्ञ, टैरोट, अंक ज्योतिष, तंत्र-मंत्र-यंत्र, कलर थैरेपी, रैकी आदि के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
इस अवसर पर विश्व गौरव सम्मान, हिंद गौरव सम्मान, लाइट टाइम अचीवमेंट अवार्ड, एस्ट्रो वास्तु ग्लोबल गौरव टॉप टेन अवार्ड, एस्ट्रो वास्तु इंडिया टॉप टेन अवार्ड से ज्योतिषियों का सम्मान किया जाएगा। साथ ही सभी पंजीकृत विद्वानों को लिए मां शारदा अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
यह 33वां सम्मेलन-
आयोजक पं. दिनेश गुरुजी इंदौर ने बताया यह संस्था का 33वां सम्मेलन है। संस्था इस प्रकार के आयोजन वर्ष 2006 से करवाते आ रही है। इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य ज्योतिष संबंधी भ्रांतियों को दूर करना, नवीन शोध पर विचार-विमर्श करना अादि रहता है। आयोजक पं. दिनेश गुरुजी ने बताया वे वर्ष 2001 से ज्योतिष के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्हें वास्तु ज्योतिष पर विशेषज्ञता हासिल है।
शिक्षा का खानपान से संबंध-
देवास के ज्योतिषाचार्य अजय सोनी का मार्गदर्शन भी सम्मेलन में मिलेगा। अजय सोनी की शिक्षा व रोगों पर विशेषज्ञता है। उन्होंने बताया कि खान-पान का गहरा प्रभाव शिक्षा पर पड़ता है। प्रत्येक वस्तु किसी ना किसी ग्रह से संबंधित है। दैनिक खानपान से शिक्षा का स्तर उच्च किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि समुद्र में मोती भी पाया जाता है और प्रवाल नाम का पौधा भी। इसकी टहनी से मंगल ग्रह का मूंगा बनता है। ज्योतिष में चंद्र-मंगल की युति महालक्ष्मी योग कहलाती है। इसी प्रकार आयुर्वेद में प्रवाल पिस्टी व मोती पिस्टी का मिश्रण तैयार किया जाता है। यह मनुष्य के शरीर में शिथलता व बौद्धिकता को बढ़ाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती धारण करने से शिथलता आती है। रक्त में मंगल ब्लड सेल्स एवं मोती व्हाइट सेल्स का कारक होता है। इनमें कमी होने पर संतुलन गड़बड़ाता है।
ज्योतिष एक डॉक्टर के समान है-
उज्जैन के ज्योतिष अरविंद नागर कर्मकांड व ज्योतिष विधा पर पिछले 28 सालों से कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि ज्योतिष डॉक्टर के समान है और कर्मकांड हास्पिटल के समान। एक डॉक्टर इलाज की सलाह देता है और पेशेंट हॉस्पिटल में उपचार करवाता है। इसी प्रकाार कई समस्याओं का समाधान कर्मकांड से होता है। संबंधित ज्योतिष की सलाह पर ग्रहों की शांति होती है और लाभ मिलता है।
लाल किताब के उपाय से दूर होती पीड़ा-
देवास के ज्योतिषाचार्य प्रकाश चव्हाण वर्ष 2003 से इस विधा में सेवा दे रहे हैं। वे लाल किताब से जुड़े प्राकृतिक उपाय बताते हैं। उनका कहना है लाल किताब में प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें कोई परेशान व्यक्ति कर सकता है। सच्चे मन से ईश्वर का ध्यान कर इन उपायों को करने पर अवश्य ही पीड़ा दूर होती है।
अनुष्ठान से मिलता है लाभ-
भागवताचार्य पं. अजय शास्त्री भी ज्योतिष महासम्मेलन में शामिल होंगे। उनका कहना है पितृों की शांति के लिए एकमात्र उपाय भागवत कथा है। मनुष्य जीवन में कई प्रकार के कष्ट आते हैं, तब मंत्र जाप, देवी अनुष्ठान, ग्रहों की शांति करवाने से लाभ प्राप्त होता है। देवास की क्रिस्टल एक्सपर्ट मीना राव का कहना है क्रिस्टल जमीन के अंदर से निकाले जाते हैं, उनमें पॉवरफुल एनर्जी होती है। ओरिजनल क्रिस्टल महंगे जरूर आते हैं, लेकिन ये बॉडी पर असरकारक होते हैं।
ज्योतिष सम्मेलन में दिल्ली के ज्योतिष अनिल वत्स, जीडी वशिष्ठ, अजय भांभी, महाकाल मंदिर पुजारी महेश गुरुजी, रामचंद्र वैदिक इंदौर, डॉ. प्रदीपकुमार पंड्या उज्जैन, देवेंद्र कुशवाह धार, डिपंल शर्मा देवास, गौरव सुरांगे, डॉ. राखी शर्मा, चित्रा जोशी, मंदीप पाल, पं. कपिल महाराज, आचार्य अजय कश्यप, गौरव तिवारी सहित बड़ी संख्या में ज्योतिषी शामिल होंगे।
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