स्वनिधि महोत्सव में सजी सुरों की महफिल
बच्चों व बड़ों ने गीत गाकर श्रोताओं को किया मंत्र मुग्ध
देवास। ऐ मेरे प्यारे वतन…, भारत का रहने वाला हूं…, ऐ मेरे वतन के लोगों…, नीले गगन के तले धरती का प्यार पले… जैसे गीतों की महफिल मल्हार स्मृति मंदिर में रविवार को सजी। अवसर था स्वनिधि महोत्सव के अंतर्गत स्वावलंबी रेहड़ी पटरी वालों का उत्सव का था। उत्सव के दौरान गायन प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों के साथ धार्मिक गीत गाए। मौजूद श्रोताओं ने ताली बजाकर गायकों का उत्साह बढ़ाया।
रविवार शाम करीब चार बजे प्रारंभ हुई गायन प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने नानी तेरी मोरनी का मोर ले गए बाकी जो बचा था काले चोर ले गए…, सबसे पहले लूंगी मम्मी-डैडी का नाम…, मां मुझे गले से लगा लें…, तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है… जैसे भाव-विभोर करने वाले गीत सुनाए। पथ विक्रेताओं में सलमान और मुशरान ने भी देशभक्ति से ओतप्रोत गीत गाकर श्रोताअों का मन मोह लिया। खाटू वाले श्याम तेरे चरणों में आ गया… जैसे भजन भी बच्चों ने सुनाए। शिव तांडव स्त्रोत के रूप में शिवभक्ति की गंगा भी यहां बही। प्रतियोगिता के लिए बच्चों के साथ-साथ बड़ों में उत्साह देखा गया। बच्चों व बड़ों ने जब सुर में गीत गाए तो यहां मौजूद श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इन बच्चों के गीतों को सुनकर अतिथि इनकी प्रतिभा के कायल हो गए। इस दौरान पथ विक्रेताओं ने कहा कि हमारे बच्चों को पहली बार ऐसा मंच मिला है। अगर इसी प्रकार से हमारे बच्चों को मौका मिलता रहा तो भविष्य में वे गायन के क्षेत्र में सफल हो सकेंगे।
इस अवसर पर निगम उपायुक्त तनुजा मालवीय, कार्यालय अधीक्षक अशोक उपाध्याय, एनयूएलएम शाखा के विशाल जगताप सहित बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित थे।
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