भैसूड़ा पर्वत पर सात दिवसीय रुद्र चंडी महायज्ञ प्रारंभ

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– विभिन्न औषधियों सहित 51 किलो हवन सामग्री का होगा उपयोग

बेहरी (हीरालाल गोस्वामी)। पर्वतीय स्थल भैसूड़ा महादेव परिसर में शुक्रवार से रुद्र चंडी यज्ञ प्रारंभ हुआ। इसमें डबलचौकी के यजमान बंशीलाल धर्मपत्नी ललिता विश्वकर्मा जोड़े शामिल हुए। यज्ञ स्थल प्राचीन परंपरा अनुसार पत्तों और लकड़ी से बनाया गया। साथ ही यज्ञ स्थल पर गोबर और गोमूत्र से लेपन किया गया है। यज्ञ में बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हो रहे हैं। यज्ञ से पूरे क्षेत्र का वातावरण धर्ममय हो चुका है। यज्ञ मंडप को सजाने के लिए केल, आम के पत्तों सहित अन्य औषधियों वृक्षों के पत्तों को उपयोग किया गया।

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रेणुका माता मंदिर के संत गोविंददास महाराज ने बताया, कि यज्ञ स्थल प्राचीन परंपरा के अनुसार 15 दिन पूर्व मंत्र उपचार के साथ विधि-विधान से निर्मित किया गया। अरणी मंथन, अग्नि देव को प्रसन्न कर यज्ञ आरंभ किया गया। सात दिन तक चलने वाले इस यज्ञ में आसपास के 60 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र के लोग सहयोग के साथ उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। यज्ञ आचार्य पं. रघुनंदन त्रिवेदी, रवि त्रिवेदी ने बताया, कि यहां पर होने वाले यज्ञ में देसी गाय के दूध से निर्मित घी और प्राकृतिक औषधि का उपयोग किया जा रहा है। यह यज्ञ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। यज्ञ में उपयोग आने वाली जौ, तिल, गूगल और पलाश यहीं से उपलब्ध हुआ है।

विद्वानों ने बताया, कि 51 किलो हवन सामग्री के साथ हवन-यज्ञ संपन्न होगा। श्रद्धालु पूरणसिंह दांगी, शैलेंद्रसिंह शतावाद, बलराम दांगी, गोल्डी पहलवान, गब्बर मुकाती, नानू काका रामू खेड़ी, सोनू पटेल आदि श्रद्धालु यज्ञ में सेवा कार्य कर रहे हैं।

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