- हर बाधा को मिटा देता है राधा नाम
देवास। राधा नाम की धारा में जो बह जाता है, जो डूब जाता है, उसे भगवान श्रीकृष्ण का धाम मिल जाता है। जो भी सच्चे हृदय से राधा का नाम लेता है, उसके जीवन में कभी बाधा नहीं आती। राधा नाम हर बाधा को मिटा देता है। राधा नाम में सारा संसार समाया हुआ है। राधा नाम प्रेम और भक्ति की पराकाष्ठा है।
यह विचार पं. अजय शास्त्री सिया ने चंदा शर्मा महिला मंडल द्वारा भवानी सागर में 3 मई तक होने वाली सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा भगवान को जो सच्चे भाव से स्मरण करता है, उसका भवसागर से उद्धार हो जाता है। भगवान को यदि तुम अपना सखा समझो तो भगवान तुम्हारे साथ खड़े रहेंगे। सूरदासजी भगवान को अपना मित्र मानते थे, इसलिए भगवान सूरदासजी पर सदैव कृपा करते थे।
उन्होंने आगे कहा यदि भक्ति, भक्त, भगवान और गुरु इन चारों के चरणों में जिसने वंदन कर लिया, वह इस भवसागर से सहज ही पार हो जाता है। इनके चरण वंदना से हमारे मस्तिष्क पर जो रेखा है वह सीधी हो जाती है। भाग्य का उदय हो जाता है।
उन्होंने कहा कलियुग में परंपराएं, रीति-रिवाज धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं। किसी के चरण पकड़ने से अच्छा उसके आचरण पकड़ लो। चरण छूट सकते हैं, लेकिन आचरण छूटने वाले नहीं है। आचरण का सबसे ज्यादा महत्व है। इस दौरान पं. शास्त्री ने जरा तारों से तार मिलाकर तो देख, हरि बंधे हुए, खींचे हुए चले आएंगे.. भक्ति गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी तो श्रोता मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे। आयोजक महिला मंडल ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना कर महाआरती की। सैकड़ों धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।
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