अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: पति के निधन के बाद से मानकुंवर बाई ने खेती को बनाया रोजगार का साधन

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-जैविक व मॉडल खेती कर पाई उपलब्धियां, कई बार हो चुकी हैं सम्मानित, प्रदेश में जिले का नाम रोशन किया

देवास। ग्राम छोटी चुरलाय की महिला कृषक मानकुंवर बाई राजपूत जैविक व मॉडल खेती सहित समाजसेवा के क्षेत्र में विभिन्न सराहनीय कार्य करने पर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं। मानकुंवर बाई को पूर्व में जिला से लेकर प्रदेश स्तर पर विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

24 वर्ष पहले मानकुंवर बाई के पति भारत सिंह राजपूत का निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने दो बच्चों सहित घर-परिवार की जिम्मेदारी के साथ ही कृषि के क्षेत्र में रुचि ली। उन्होंने जैविक खेती को अपनाया और बाद में मॉडल खेती की शुरुआत की। उनके कार्यों को देखते हुए मई 2015 में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार दिया गया। इसके तहत सीएम ने 50 हजार रुपए सहित प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसके बाद जून 2015 में सीएम ने भोपाल ने सम्मानित किया। विजयाराजे सिंधिया कृषि विवि ग्वालियर समारोह में 19 अगस्त 2015 को राज्य स्तरीय सर्वोत्तम पुरस्कार मप्र शासन द्वारा दिया गया। उज्जैन में फर्टीलाइजर राज्य स्तरीय श्रेष्ठ किसान का अवार्ड दिया गया। इसके अलावा जिला स्तर पर मानकुंवर बाई को कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने भोपाल व दिल्ली दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों में भागीदारी कर अपने अनुभव भी किसानों को साझा किए।

खेती की उपज से जो बचत होती है, वे उसका उपयोग समाजसेवा में करती हैं। श्रीमती राजपूत ने गांव में गरीब बच्चों को अपने खर्च से गणवेश सहित चरण पादुका वितरित की और आवश्यक सामग्री भी स्कूल को दी। कृषि के क्षेत्र में व सामाजिक कार्यों में सदैव अग्रसर रहने पर कई बार सम्मानित हो चुकी हैं।

वर्ष 2020 में कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन में श्रीमती राजपूत ने जरूरतमंद लोगों को अनाज व खाद्य सामग्री का भी नि:शुल्क वितरण किया। उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष में राशि भेंट की। साथ ही मास्क व सेनेटाइजर का भी वितरण किया। उपरोक्त सभी कार्यों से मानकुंवर बाई ने जिले का नाम देशभर में रोशन किया। उनके सेवा कार्य सभी को प्रेरित करते हैं।

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