– मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत की नवीनतम औद्योगिक परियोजना का वर्चुअली किया भूमि पूजन
देवास। मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और एमएसएमई मंत्री चैतन्यकुमार काश्यप ने सिरसोदा औद्योगिक क्षेत्र, सोनकच्छ-देवास में आगामी परियोजना के लिए भूमि पूजन समारोह (वर्चुअल) के माध्यम से किया। देवास जिले के ग्राम सिरसोदा में ग्रेफाइट एनोड्स विनिर्माण संयंत्र (लिथियम-आयन बैटरी के लिए) की अनुमानित लागत 1850 करोड़ रुपए है।
भूमिपूजन कार्यक्रम में सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी, सोनकच्छ विधायक डॉ. राजेश सोनकर के आतिथ्य में हुआ। इस दौरान पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, सीईओ जिला पंचायत हिमांशु प्रजापति, सीईओ जनपद पंचायत चरत शिवहरे सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा औद्योगिक इकाई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी वर्चुअली संवाद किया। सांसद श्री सोलंकी ने ग्रेफाइट एनोड्स विनिनिर्माण संयंत्र के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्चुअल शुभारंभ कर सभी को शुभ अनुष्ठान की सफलता और समृद्धि के लिए शुभकामना दी, जो कि राज्य के आर्थिक पथ को एक बार फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है। यह परियोजना एमपी के प्रमुख औद्योगिक घराना एलएनजे भीलवाड़ा समूह की एक नवीनतम आगामी इकाई, टीएसीसी लिमिटेड (द एडवांस्ड कार्बन्स कंपनी लिमिटेड), एचईजी लिमिटेड, मंडीदीप, मप्र की सहायक कंपनी है।
दो दिवसीय मध्य प्रदेश क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन, जो कि मप्र सरकार का एक महत्वाकांक्षी आयोजन है। 1 और 2 मार्च को उज्जैन के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में शुरू हुआ। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)विभाग और पर्यटन विभाग ने उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सम्मेलन के दौरान विभिन्न विषयगत सत्र निवेश के अवसरों और क्षेत्रवार नीतियों परआयोजित किए। शिखर सम्मेलन के दौरान सीएम ने उद्योगप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की और बाद में खरीदार-विक्रेता बैठक पर एक इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया गया।
इस संस्करण में, 10 देशों से 30 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि, 650 से अधिक उद्योगों से डेयरी, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मास्युटिकल, रासायनिक उद्योग और धार्मिक पर्यटन आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
एमपी देश में सबसे अधिक व्यापार-अनुकूल राज्यों में से एक बन गया है: रिजु झुनझुनवाला
इस दौरान अध्यक्ष, टीएसीसी लिमिटेड रिजु झुनझुनवाला ने कहा कि मध्य प्रदेश सदैव समृद्ध सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत की भूमि रही हैऔर उन्होंने राज्य में व्यापार-अनुकूल माहौल में सुधार के लिए, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को श्रेय दिया और उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि, “हमने 50 साल पहले मंडीदीप में अपने ग्रेफाइट प्लांट के साथ मध्य प्रदेश में कदम रखा था जो कि आज एक ही स्थान पर सबसे बड़े ग्रेफाइट प्लांट की स्थापना के साथ एक वैश्विक मील का पत्थरसाबित हो गई है। इसलिए, मेरे पास यह विश्वास करने का हर कारण है कि मध्य प्रदेश “आत्मनिर्भर भारत” मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र बन जाएगा। एलएनजे भीलवाड़ा समूह प्रधानमंत्री के “मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
एलएनजे भीलवाड़ा विजन के तहत द एडवांस कार्बन्स कंपनी लिमिटेड (टीएसीसी लिमिटेड), के नाम से सिरसोदा औद्योगिक क्षेत्र सोनकच्छ जिला देवास में लिथियम-आयन बैटरी के लिए ग्रेफाइट एनोड विनिर्माणकरना प्रस्तावित है। टीएसीसी लिमिटेड के एमडी और सीईओ अंकुर खेतान ने कहा कि “हमारा मिशन भारतीय निर्माताओं को विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाले एनोड सामग्री की आपूर्ति करना है जिससे, हमारी विदेशीनिर्भरता भी कम होने की उम्मीद है, जी कि अभी विदेशी आयात पर निर्भर है।
आगामी संयंत्र लगभग 20 GWh सेल विनिर्माण को पूरा करेगा और इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1000 नई नौकरियाँ उत्पन्न होने की संभावना है। प्रस्तावित निवेश 1850 करोड़ रुपए के साथ यह परियोजना न केवल एक मौद्रिक प्रतिबद्धता बल्कि उधोग जगत में नवाचार, स्थिरता और समृद्धि की ओर एक साहसिक कदम का प्रतीक होगी। हमारी कंपनी का अनुसंधान एवं विकास परभी विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें उन्नत सामग्री ग्राफीन, सोडियम आयन बैटरियों के लिए कार्बन और हाइड्रोजन अनुप्रयोगों जैसी अन्य परिष्कृत सामग्रियों को तैयार करने पर काम कर रहे हैं।
एनोड क्या है?
ग्रेफाइट एनोड लिथियम-आयन बैटरी सहित विभिन्न उपकरणों में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में काम आता है जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण और इलेक्ट्रॉनिक्स। जैसे-जैसे दुनिया स्वच्छ ईंधन के उपयोग की ओर बढ़ रही है, वैसे वैसे ऊर्जा स्रोतों और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों में, उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेफाइट एनोड की मांग बढ़ रही है। हमारी परियोजना का लक्ष्य इस बढ़ती मांग को सीधे तौर पर पूरा करना और खुद को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना है।
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