प्रभु श्रीराम पूर्ण ब्रह्मा व आनंद के परमधाम है- आचार्य अनिल शर्मा

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देवास। जब हमारी मृत्यु का समय निकट हो, यमराज लेने आए और बोले कुछ पुण्य किए हैं, कुछ धर्म किया है, राम नाम लिया है। अगर लिया हो तो हम आपको वैकुंठधाम पहुंचा देंगे और ना लिया हो तो नर्क में ले चले। उस समय आप सोचो, कि पुण्य तो कुछ कमाया नहीं, कभी सत्संग नहीं गए। अब अपना उद्धार कैसे होगा। तब आपको याद आया कि धर्म तो किया नहीं, रामजी का नाम तो लिया नहीं, लेकिन मैं जिन गुरु के पास बैठता हूं, मेरे गुरु मंत्र का रोज जाप करते हैं। ऐसा आपने अगर बोल दिया तो उसी समय आपका उद्धार हो जाएगा।

यह विचार खाटू श्याम महिला समिति चाणक्यपुरी एक्सटेंशन द्वारा चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा के छठवें दिन व्यासपीठ से आचार्य अनिल शर्मा आसेर वाले ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि बिना गुरु के ना तो हमारा उद्धार होता है और ना हम परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। गुरु के सानिध्य में रहकर ही हम परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। किसी महापुरुष के साथ आपका संबंध हो या न है, लेकिन भगवान से जरूर कोई ना कोई संबंध जोड़कर रखिए। भगवान को पुत्र बना लो, भगवान को पति बना लो, भगवान को पिता बना लो, भगवान को मित्र बना लो लेकिन संबंध भगवान से जरूर बना लो चाहे किसी भी रूप में बना लो।

इस दौरान आचार्य श्री शर्मा ने मेरे राघव से रिश्ता बना लीजिए, मिलता रहेगा जो कुछ भी चाहिए… जैसे एक से बढ़कर एक भक्तिमय गीतों की संगीतमय प्रस्तुति से श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमने लगे। उन्होंने कहा, कि जिसका राघव से संबंध हो गया वहां आनंद ही आनंद है। आनंद की बरसात हो जाती है। प्रभु श्रीराम पूर्ण ब्रह्मा व आनंद के परमधाम है। कथा में श्रीराम जानकी विवाह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। श्रीराम जानकी विवाह के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। कथा में चाणक्यपुरी, चंद्रशेखर आजाद नगर, उपाध्याय नगर, राजाराम नगर सहित शहरभर के धर्मप्रेमियों ने कथा श्रवण कर धर्म लाभ लिया।

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