देवास। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कॉलानी बाग सेंटर में गुरुवार को प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के स्मृति दिवस पर संस्था की जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी, पूर्णानंद महाराज के सानिध्य में ब्रह्मा बाबा के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मां चामुंडा सेवा समिति संयोजक रामेश्वर जलोदिया, समाजसेवी नरेंद्र मिश्रा थे। ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा, कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने 18 जनवरी 1969 के दिन संपूर्णता प्राप्त की थी। सन 1936 में उम्र के इस पड़ाव में जब सामान्यत: सभी लोग सेवानिवृत्ति की तैयारी करते हैं, तब उन्होंने वास्तव में अपने जीवन के एक सक्रिय, एक आकर्षक पड़ाव में प्रवेश किया। सन 1937 में जब ब्रह्मा बाबा को दिव्य साक्षात्कार हुए और परमात्मा शिव की प्रवेशता के बाद अपना सब कुछ माता-बहनों को ट्रस्ट बनाकर समर्पित कर दिया। स्वयं उन पैसों को हाथ नहीं लगाया। 14 वर्षों तक समर्पित 400 बच्चों की पालना उसी पैसे से करते रहे। ब्रह्मा बाबा की आत्मिक स्थिति इतनी प्रभावशाली थी, कि उनके पास बैठे हुए व्यक्ति ऐसे महसूस करते कि वह देह से न्यारे हैं। ब्रह्मा बाबा हर समय नई दुनिया के नशे में रहते थे। सरल व साधारण जीवन शैली द्वारा बाबा ने सदैव सबको परमात्मा शिव का मार्ग दिखाया। बाबा को यज्ञ में अनेकों विघ्न आए। उन्होंने परमात्मा शिव बाबा की श्रीमत पर चलते-चलते विघ्नों को पार किया। दिनचर्या व्यस्त रहने के बावजूद भी बाबा हमेशा सभी से मिलते और प्यार बरसाते। प्यार और प्रसन्नता को आज भी सभी वरिष्ठ बीके भाई-बहन याद करते हैं। अंतिम वर्ष मधुबन मे गहन तपस्या कर जनवरी 1969 में ब्रह्मा बाबा अपनी अंतिम कर्मातीत अवस्था को प्राप्त कर इस दुनिया से न्यारे होकर अव्यक्त हो गए। इस अवसर पर समाजसेवी नरेंद्र मिश्रा, रामेश्वर जलोदिया, नारायण व्यास, दिनेश सांवलिया, श्याम कलन्त्री, इंदर सिंह गोड, उम्मेदसिंह राठौड़, प्रेम पवार, मनीषा दीदी, हेमा दीदी सहित संस्था से जुड़े भाई बहन उपस्थित थे।
ब्रह्मा बाबा आत्मिक रूप से बहुत प्रभावशाली थे- ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी
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